देहरादून ब्यूरो। सहस्रधारा रोड पर 2200 पेड़ काटे जाने हैं। इस योजना के बारे में जानकारी मिलते ही दून के संगठनों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया था। इस सिलसिले में कई बार सहस्रधारा रोड पर प्रदर्शन भी किया गया। बाद में यह मामला हाई कोर्ट पहुंचा और हाई कोर्ट ने फैसला होने तक पेड़ काटने पर रोक लगा दी। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने रोक हटा दी। इसी से साथ पेड़ों का कटान शुरू हो गया।
फूल मालाएं चढ़ाई
पिछले दिनों पेड़ों का कटान शुरू होने के साथ ही विरोध भी शुरू हो गया था। पेड़ बचाने के हिमायती संगठन और अन्य लोग लगातार विरोध कर रहे हैं, लेकिन विरोध के बीच अब तक सैकड़ों पेड़ काटे जा चुके हैं। सिटीजन फॉर ग्रीन दून की अगुवाई में संडे को एक बार फिर से कई लोग सहस्रधारा रोड पहुंचे। लोगों ने काटे गये पेड़ों के ठूंठों पर फूल मालाएं चढ़ाकर विरोध दर्ज करवाया।
रायपुर मेें भी चलेगी आरी
राज्य सरकार द्वार देहरादून के रायपुर क्षेत्र में विधानसभा भवन और सचिवालय बनाये जाने की घोषणा के साथ ही इस क्षेत्र में करीब 60 एकड़ भूमि पर खड़े हजारों पेड़ों पर आरी चलाए जाने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। दून के लोगों को कहना है कि जब विधानसभा भवन गैरसैंण में मौजूद है कि देहरादून में एक और भवन बनाने के लिए हजारों पेड़ काटे जाने का कोई औचित्य नहीं है। यह नई योजना जंगलों के विनाश के साथ ही यह भी संकेत देती है कि लोगों को गैरसैंण राजधानी के नाम पर ठगा जा रहा है।