- भारी बारिश के चलते यूजेवीएन लिमिटेड की सभी परियोजनाएं ठप
- करोड़ों की एक्स्ट्रा बिजली खरीद रहा यूपीसीएल, यही रहा हाल तो हालात होंगे खराब
देहरादून (ब्यूरो): 19 में से दो-तीन परियोजनाओं ही कुछ-कुछ देर के चल पा रही है। इससे जहां यूजेवीएन लिमिटेड को भारी नुकसान पहुंच रहा है वहीं प्रदेश में भी बिजली संकट खड़ा हो गया है। विद्युत उत्पादन न होने से ऊर्जा निगम पर भारी दबाव बढ़ गया। प्रदेश में घंटों बिजली कटौती के बाद भी बिजली की आपूर्ति में 900 मेगावाट बिजली की कमी आ गई है। आपूर्ति पूरी करने के लिए ऊर्जा निगम ने पीक आवर में करोड़ों की बिजली खरीद की जा रही है। हालात यही रहे तो प्रदेश में बिजली के लिए हा-हाकार मच सकता है।
तीनों परियोजनाएं फिर बंद
यूजेवीएन लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि नदियों में सिल्ट की मात्रा कम होने पर सुबह 120 मेगावाट क्षमता की व्यासी, 90 मेगावाट की तिलोथ और 304 मेगावाट की धरासू पावर हाउस से पावर प्रोडक्शन शुरू किया गया, लेकिन शाम फिर अधिक सिल्ट आने पर इन परियोजनाओं को फिर बंद करना पड़ा। सिल्ट कम होते ही उत्पादन शुरू किया जाएगा।
बिजली को मच सकता हा-हाकार
प्रदेश का पावर जनरेशन ठप होने से बिजली की आपूर्ति गड़बड़ा गई है। प्रदेश में बिजली की खपत 1700 है, लेकिन केंद्रीय पूल और खरीद के बावजूद आपूर्ति 800 मेगावाट तक पहुंची है। ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा शहरी क्षेत्रों में कटौती के बाद भी ऊर्जा निगम को ओपन मार्केट से करोड़ों रुपये की महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है। बताया जा रहा है कि जल्द राज्य का अपना पावर जनरेशन शुरू नहीं हुआ, तो बिजली के लिए हा-हाकार मच सकता है।
900 मेगावाट बिजली की कमी
पिछले चार दिन से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते विद्युत उत्पादन में 12 मिलियन यूनिट (एमयू) की गिरावट आई है, लेकिन बीती देर रात्रि को खटीमा को छोड़कर छिबरो, खोदरी, ढकरानी, कुल्हाल, मनेरीभाली प्रथम, मनेरीभाली द्वितीय समेत सभी परियोजना को बंद कर दिया गया है। विद्युत मांग की पूर्ति के लिए ऊर्जा निगम को राष्ट्रीय बाजार से बिजली की खरीद बढ़ानी पड़ी है।
बारिश में हादसों को रोकने को बिजली विभाग ने की ये अपील
- बिजली पोल को छूने से बचे।
-बिजली के खंभों से मवेशियों को ना बांधें।
-यथासंभव बिजली लाइनों के नीचे कोई भी प्रोग्राम ना करे।
-नए भवनों से बिजली लाइनों की उचित दूरी बनाए रखें।
-खेत की मेड पर यदि बिजली पोल लगा है तो उचित दूरी रख कर ही जुताई करें।
-बिजली पोल पर यदि स्पार्किंग हो रही हैं तो तत्काल फीडर इंचार्ज, जेई, संबंधित सब स्टेशन पर सूचना दें।
-यदि बारिश में खंभे पर तेज स्पार्क हो रहा हो और आस-पास पानी भरा हुआ है तो उस रास्ते से या पानी में जाने से बचें।
-यदि बिजली के तार किसी पेड़ के निकट से गुजर रहे हो तो किसी भी स्थिति में उस पर चढऩे से बचे।
-ट्रांसफार्मर, लाइनों पर बम्बू से या किसी और चीज से कुंडी नहीं डाले, हेवी लाइनों पर रिसाव होने से व ग्राउंड होने से बड़ा हादसा हो सकता है।
- किसी भी बड़े वाहन की छत पर यात्रा न करे।
13.घर में अच्छी क्वालिटी के उपकरण ही उपयोग करें और बिजली फिटिंग में अर्थिंग जरूर कराएं।
करंट लगने पर ऐसे बचाएं
आप किसी सूखी जगह पर जाएं फिर जूते जो भीगे ना हो और उसमें कोई भी धातु न लगी हो को पहने। फिर किसी इंसुलेटेड डंडे (प्लास्टिक, लकड़ी जो सूखा हो) से व्यक्ति को छुड़ाने का प्रयास करें। यदि करंट घर के अंदर लगा है तो तुरंत मेन स्विच ऑफ करे। व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल ले जाएं।
राज्य में पावर जनरेशन ठप होने से बिजली आपूर्ति चुनौतीपूर्ण बन गया है। खुले बाजार से पीक आवर में महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है। पावर प्रोडक्शन में सुधार नहीं हआ, तो हालात नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं।
एमएल प्रसाद, डायरेक्टर ऑपरेशन, ऊर्जा निगम
बारिश के कारण नदियों में भारी सिल्ट आ रहा है। सुरक्षा कारणों से पावर हाउसों की टरबाइनों को बंद करना पड़ रहा है। कुछ प्रोजेक्ट्स शुरू भी किए गए, लेकिन फिर सिल्ट के कारण बंद करने पड़ रहे हैं।
पुरषोत्तम सिंह, डायरेक्टर ऑपरेशन, यूजेवीएन लिमिटेड
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