देहरादून, (ब्यूरो): राजधानी दून समेत कई शहरों की लो वोल्टेज, बार-बार लाइन ट्रिपिंग, ब्रेकडाउन और उपकरणों के जलने से होने वाले व्यवधान आदि से जल्द छुटकारा मिल जाएगा। उत्तराखंड पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (पिटकुल) ने दून के आराघर और औद्योगिक क्षेत्र सेलाकुई में जीआई आधारित हाईटेक टेक्नोलॉजी के 2 नए सब स्टेशनों के साथ ही 6 सब स्टेशनों का निर्माण शुरू करने जा रहा है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद संबंधित कंपनियों को कार्य अवार्ड कर दिया गया है। निर्माण संबंधी औपचारिकताएं भी लगभग पूरी हो गई है। अगले सप्ताह से सब स्टेशनों का निर्माण शुरू होने की उम्मीद है।
वर्क अवार्ड, जल्द होगा काम शुरू
पिटकुल के मैनेजिंग डायरेक्टर पीसी ध्यानी ने बताया कि एशियन डेवलपमेंट बैंक के तहत 6 नए सब स्टेशनों की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर कंपनियों को कार्य अवार्ड कर लिया गया है। बताया कि विद्युत सब स्टेशनों की सभी औपचारिकताएं लगभग पूरी हो गई है, जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नए सब स्टेशनों के निर्माण से निर्बाध बिजली की सप्लाई सुनिश्चित होगी। इससे पावर सप्लाई में काफी सुधार होगा। नए बिजलीघरों के निर्माण पर करीब 520 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
इंडस्ट्रियल एरिया को मिलेगी निर्बाध आपूर्ति
132 केवी सब स्टेशन आराघर और 220 केवी स्टेशन औद्योगिक क्षेत्र सेलाकुई का निर्माण लंबे समय से प्रस्तावित है, लेकिन काफी जद्दोजहद के बाद इन प्रोजेक्ट्स को अमलीजामा पहनाया गया है। सेलाकुई में सब स्टेशन केनिर्माण से उद्योगों को बड़ी राहत मिलेगी। दरअसल बरसात के मौसम में बाढ़ व आंधी-तूफान और बरसात के मौसम में औद्योगिक क्षेत्र की बिजली अधिकतर अधिक लोड और ट्रिपिंग के कारण गुल हो जाती है, लेकिन सब स्टेशन बनने के ये सारी समस्याएं लगभग समाप्त हो जाएगी।
जीआईएस टेक्नोलॉजी से होंगे लैस
खास बात यह है कि सब स्टेशनों के बनने से जहां बिजली लाइनों में ट्रिपिंग की समस्या दूर होगी, वहीं लो वोल्टेज से भी निजात मिलेगी। ये सब स्टेशन गैस इंसुलेटेड सिस्टम (जीआईएस) टेक्नोलॉजी सिस्टम के तहत निर्मित हो रहे हैं। जीआईएस टेक्नोलॉजी से आग लगने के चांसेस बहुत कम होते हैं और इनके पाट्र्स की रिपेयरिंग की जरूरत भी बहुत कम होती है। यानि मेंटेनेंस जीरो होता है। इसके अलावा राज्य में 7 अन्य सब स्टेशनों के निर्माण के प्रस्ताव भी तैयार किए जा रहे हंै।
सप्लाई सिस्टम में होगा सुधार
ट्रांसमिशन सिस्टम के मजबूत होने से ऊर्जा निगम के डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में भी बड़ा सुधार होगा। प्रॉपर सप्लाई मिलने से कंज्यूमर्स को निर्बाध रूप से बिजली मिलेगी।
73.45
करोड़ से होगा 132 केवी सब स्टेशन का निर्माण
84.80
करोड़ से होगा 220 केवी सब स्टेशन सेलाकुई का निर्माण
फुलपू्रफ होगा पावर सिस्टम
पिटकुल के एमडी पीसी ध्यानी ने बताया कि पावर सिस्टम को पूरी तरह फुलप्रूफ बनाने की तैयार की जा रही है। कोशिश की जा रही है कि बाढ़ व आंधी-तूफान में भी कंज्यूमर्स को निर्बाध आपूर्ति मिलती रहे। पिटकुल इसके लिए पहली बार इमरजेंसी रिस्टोरेशन सिस्टम लगा रहा है। इससे न केवल बिजली आपूर्ति में बड़ा सुधार होगा, बल्कि आपदाओं के दौरान भी बिजली से महरूम नहीं रहना पड़ेगा।
ये होंगे मुख्य लाभ
- लोड अधिक बढऩे पर ट्रिपिंग से मिलेगी राहत
- लो वोल्टेज की समस्या भी हो समाप्त
- आंधी-तूफान के दौरान नहीं रखना पड़ेगा शटडाउन
- कंज्यूमर्स को 24 आवर होगी पावर की सप्लाई
- ऑटोमोड में चलने से नहीं होगा आग लगने का खतरा
- 24 घंटे बिजली आपूर्ति होगी सुनिश्चित
सेल्फ ऑटोमेटेड होंगे नए सब स्टेशन ट्रांसमिशन के प्रस्तावित सभी विद्युत सब स्टेशन गैस इंसुलेटेड सिस्टम आधरित होंगे। मैनेजिंग डायरेक्टर ध्यानी ने बताया कि जीआईएस सिस्टम पूरी तरह डिजिटाइज है। इसमें कई तरह की सुविधाएं हैं। इन स्टेशनों का ऑपरेशन सेल्फ ऑटोमैटिक होगा। इनमें कार्मिकों की अधिक आवश्यकता नहीं होती है। उन्होंने बताया कि इन सभी सब स्टेशनों का निर्माण एडीबी फंड में किया जा रहा है। सब स्टेशनों के निर्माण से रोजगार भी सृजित होंगे।
इन सब स्टेशनों का होगा निर्माण शुरू
नाम लागत (करोड़ में)
132 केवी आराघर 73.45
220 केवी सेलाकुई 84.80
220 केवी मंगलौर 123.86
132 केवी लोहाघाट 80.28
132 केवी धौलाखेड़ा 76.78
132 केवी खटीमा 81.23
पावर सिस्टम को और फुलपू्रफ व मजबूत बनाने के लिए सब स्टेशनों का निर्माण शुरू किया जा रहा है। सब स्टेशनों के निर्माण से पावर सप्लाई सिस्टम में बड़ा सुधार होगा। लो वोल्टेज के साथ ही बार-बार ट्रिपिंग की समस्या भी दूर होगी। 24 घंटे आपूर्ति सुनिश्चित करने को हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
पीसी ध्यानी, मैनेजिंग डायरेक्टर, पिटकुल
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