देहरादून ब्यूरो। उत्तराखंड में मॉनसून आते ही तपिश में जहां थोड़ा कमी आई, वहीं प्रदेश की जनता को भी बिजली कटौती राहत भी मिली है। राज्य में बिजली की डिमांड पीक हावर में 52 एमयू तक पहुंच गई थी, जो अब घटकर 47 एमयू के करीब आ गई है। उधर, यूजेवीएन का प्रोडक्शन बढऩे से बिजली उपभोक्ताओं को और राहत मिली है।
बिजली खरीद भी 3 एमयू घटी
ऊर्जा निगम अब तक 9 एमयू से अधिक बिजली खरीद कर रहा था। जो राज्य में पावर प्रोडक्शन बढऩे के बाद घट गई है। वर्तमान में ऊर्जा निगम बाहरी राज्यों से 6 एमयू तक बिजली खरीद रहा है। यदि लगातार बारिश होती रही, तो 15 जुलाई तक राज्य का अपना प्रोडक्शन 25 एमयू रोजाना तक पहुंच सकता है, जिससे बिजली खरीद पूरी तरह बंद हो जाएगी।
यूजेवीएनएल का 3 माह का बिजली उत्पादन
माह उत्पादन
अप्रैल 2022 - 403.62 एमयू
मई 2022 - 515.54
28 जून 2022 तक - 500.50
यूजेवीएन का पिछले एक सप्ताह का उत्पादन
22 जून - 15.51
23 जून - 15.25
24 जून - 15.55
25 जून - 16.43
26 जून - 18.03
27 जून - 19.07
28 जून - 18.33
कंज्यूमर्स पर पड़ सकता है बोझ
पीक आवर में बिजली की डिमांड पूरी करने के लिए ऊर्जा निगम ने 10 से लेकर 20 रुपये प्रति यूनिट तक बाहरी बिजली कंपनियों से खरीद की है। इसकी बहुत बड़ी रकम निगम को चुकानी पड़ी। इससे निगम को बड़ा नुकसान हुआ है। दरअसल ऊर्जा निगम 3 रुपये से लेकर 6 तक प्रति यूनिट बिजली वितरित करता है। ऐसे में यह अतिरिक्त भार प्र्रदेश की करीब 23 लाख उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा। तकरीबन 10 से 15 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से एक उपभोक्ता को अतिरिक्त भार के रुप में चुकाना होगा। इसके लिए ऊर्जा निगम ने नियामक आयोग को प्रस्ताव भेजा है।
बारिश ने प्रदेश में हो रही बिजली की क्राइसिस को थोड़ा कम किया है। इससे बिजली की खपत में भी कमी आई है। डिमांड 52 एमयू तक पहुंच गई थी, जो अब 47 एमयू तक आ गई है। राज्य का विद्युत उत्पादन भी बारिश के चलते लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश में अब 80 प्रतिश क्षेत्रों में बिना रोस्टिंग के बिजली की आपूर्ति की जा रही है।
एमएल प्रसाद, डायरेक्टर ऑपरेशन, पावर कॉरपोरेशन
पहाड़ों में बारिश होने से नदियों का जल स्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है। पिछले करीब एक सप्ताह में तीन एमयू तक बिजली उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई है। वर्तमान में 18 एमयू से अधिक उत्पादन हो रहा है, लगातार बारिश होती रही तो 15 जुलाई तक उत्पादन 24 से 25 एमयू तक पहुंचने की उम्मीद है।
संदीप सिंघल, एमडी, यूजेवीएनएल