देहरादून ब्यूरो। स्वास्थ्य मंत्री डॉ। धन सिंह रावत ने बताया कि विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर विभागीय अधिकारियों को जनसंख्या नियंत्रण को लेकर पूरे राज्य में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा आयोजित करने के निर्देश दिये गये हैं। कहा, कहा कि स्वास्थ्य विभाग व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत यह पखवाड़ा राज्य के हर डिस्ट्रिक्ट में 11 से लेकर 24 जुलाई तक आयोजित किये जायेंगे। जिसके बाद विभागीय अधिकारियों से पखवाड़े का फीडबैक लिया जायेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न समस्याओं के समाधान को लेकर समय-समय पर ऐसे पखवाडे आयोजित किये जाने जरूरी हैं। राज्यभर में आयोजित जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े में जनसंख्या नियंत्रण के सभी चिकित्सा उपायों व संसाधनों का प्रचार-प्रसार किया जायेगा।

मुख्य बिंदु
-नसंबदी करने वाले लाभार्थियों को मिलेगी प्रोत्साहन राशि
-जनसंख्या नियंत्रण को लेकर लोगों को किया जायेगा अवेयर
-पखवाड़े में पूरे राज्य में 215 कैंप लगाये जाएंगे।
-18 सर्जनों के माध्यम से दी जाएंगी लैप्रोस्कोपिक महिला नसबंदी सेवाएं।
-पुरुष नसबंदी के लिए 18 सर्जन तमाम इलाकों में देंगे अपनी सर्विसेस।

20 महिला व 18 सर्जन पुरुष नसबंदी के लिए
इसके साथ ही लैप्रो, नो-स्केलपेल वेसेक्टॉमी व प्रसवोत्तर अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण सहित अंतरा के माध्यम से फैमिली नियोजन की सेवाएं इस पखवाड़े में उपलब्ध रहेंगी। डा। रावत ने बताया कि जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े में प्रदेशभर में 215 कैम्प लगाये जायेंगे, जिनमें 18 सर्जनों के माध्यम से लैप्रोस्कोपिक महिला नसबंदी सेवाएं दी जायेगी। वहीं, 20 सर्जन के माध्यम से मिनी लैप महिला नसबंदी कराई जायेंगी। इसके अलावा 18 सर्जन पुरूष नसबंदी की सेवाएं देंगे।

फैमिली प्लानिंग पर प्रोत्साहन राशि
फैमिली प्लानिंग के तहत लोगों को प्रोत्साहित किया जायेगा। जिसके तहत महिला नसबंदी कराने वाले लाभार्थी को 1400 प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। ऐसे ही पुरूष नसबंदी कराने वाले लोगों को दो हजार रुपए मुहैया कराए जाएंगे। ऐसे ही इन लाभार्थियों को प्रोत्साहित करने वाली आशा वर्कर्स को दो सौ रुपए की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जाएगी। विभागीय मंत्री के अनुसार एनएचएम के तहत संचालित परिवार नियोजन कार्यक्रम में राज्य ने सकल प्रजनन दर वांछित लक्ष्य 2.1 पहले ही प्राप्त कर लिया है। वर्तमान में राज्य में सकल प्रजनन दर की स्थिति 1.9 है। बताया राज्य में सकल प्रजनन दर को स्थिर बनाये रखने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।