- नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत दून के एक्शन प्लान को मंजूरी
- अगले 5 वर्षो में दून में एयर पॉल्यूशन 20 से 30 परसेंट कम करना है टारगेट
देहरादून
एन-कैप यानी नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) के तहत देहरादून का एक्शन प्लान पूरी तरह से तैयार हो गया है और इस एक्शन प्लान को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने मंजूरी भी दे दी है। यानी कि अब कागजी कार्रवाई पूरी हो चुकी है। बस इसे धरातल पर उतारने की जरूरत है। अब देखना यह होगा कि पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड विभिन्न विभाग की मदद से दून की हवाओं से अगले पांच वर्षो में पॉल्यूशन को निर्धारित लक्ष्य तक कम करने में कितना सफल हो पाता है।
क्या है एन-कैप
नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम केन्द्र सरकार ने देश के सबसे ज्यादा एयर पॉल्यूशन वाली सिटीज के लिए शुरू किया था। देशभर के शहरों में 2014 से 2018 के बीच एयर पॉल्यूशन के स्टेटस के आधार पर प्रोग्राम के लिए 112 शहरों का चयन किया गया था। फर्स्ट फेज में उत्तराखंड के दो शहर ऋषिकेश और काशीपुर का चयन इस प्रोग्राम के लिए किया गया था। बाद में 20 और शहरों का चयन किया गया और देहरादून भी इस प्रोग्राम शामिल हुआ। इस प्रोग्राम का उद्देश्य अगले 10 वर्षो में सिटी में एयर पॉल्यूशन का स्तर 20 से 30 परसेंट तक कम करना है।
एक्शन प्लान मंजूर
उत्तराखंड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से देहरादून में एयर पॉल्यूशन कम करने के लिए एन-कैप योजना के तहत किये जाने वाले कार्यो को लेकर एक्शन प्लान तैयार करके केंद्र सरकार को भेजा गया था। हाल ही में केंद्र सरकार वन और पर्यावरण मंत्रालय की ओर से इस प्लान को मंजूरी दे दी गई है। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि अब जल्दी की एक्शन प्लान के अनुसार काम शुरू कर दिया जाएगा।
धूल और धुंआ रोकने के प्रयास
पॉॅल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार एक्शन प्लान का मुख्य हिस्सा सिटी में धूल और धुएं को रोकना है। आमतौर पर एयर पॉल्यूशन के लिए इंडस्ट्री सबसे ज्यादा जिम्मेदार होती हैं, इस प्रोग्राम के तहत देशभर के ज्यादातर सिटीज में इंडस्ट्री से होने वाले पॉल्यूशन को कम करने की बात है, लेकिन दून में कोई इंडस्ट्री नहीं है। इसलिए देहरादून का एक्शन प्लान अन्य शहरों से हटकर है।
दून में इनसे पॉल्यूशन का खतरा
- व्हीकल्स : जिनमें तिपहिया सबसे ज्यादा हैं।
- कंस्ट्रक्शन : कंस्ट्रक्शन के कारण उड़ने वाली धूल को रोकने के लिए दून में प्रयास नहीं होते।
- कूड़ा जलाना : दून में वेस्ट जलाना आम बात है। वार्डो में कचरा उठाने की व्यवस्था न होने के कारण खुद नगर निगम के कर्मचारी कचरा जला देते हैं।
ऐसे रोकेंगे पॉल्यूशन
- यह प्रस्ताव किया गया है कि सिटी में चलने वाले पुराने व्हीकल्स, जिनमें विक्रम प्रमुख हैं, हटाकर उनकी जगह ईको फ्रेंडली व्हीकल चलाये जाएं।
- सरकारी और प्राइवेट कंस्ट्रक्शन पर नजर रखी जाए। ग्रीन कर्टन्स और पानी की छिड़काव के बिना कोई कंस्ट्रक्शन न हो।
- कंस्ट्रक्शन डिमॉलिशन वेस्ट के लिए नगर निगम लैंड की व्यवस्था करे। इस वेस्ट को किसी अन्य काम में लिया जाए।
- नगर निगम खाली जमीन उपलब्ध करवाये, जिसमें सघन वृक्षारोपण किया जाए। इनमें केवल नेटिव प्लांट ही लगाये जाएं।
- इस बात का ध्यान रखा जाए तो सिटी में किसी को लकड़ी में खाना बनाने की जरूरत न हो। यदि ऐसे परिवार हैं तो उन्हें गैस सिलेंडर उपलब्ध करवाये जाएं।
ये विभाग होंगे शामिल
वन विभाग
नगर निगम
एमडीडीए
पीडब्ल्यूडी
आरटीओ
पुलिस
ट्रैफिक पुलिस
फूड एंड सप्लाई
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देहरादून के लिए एक्शन प्लॉन तैयार हो गया है। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड इसमें नोडल एजेंसी है। सभी संबंधित विभागों के साथ मिलकर एक्शन प्लान लागू किया जाएगा। जल्दी ही इस पर काम शुरू होगा।
अमित पोखरियाल, रिजिनल ऑफिसर
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड।