देहरादून (ब्यूरो)। बड़ी संख्या में सड़कों पर ऐसे युवा नजर आ जाते हैं, जो तेजी से और जिग-जैग तरीके से दोपहिया वाहन दौड़ाने हैं। फ्रीक्वैंटली इन वाहनों के साइलेंसर से तेज पटाखों जैसे धमाके होते रहते हैं। ऐसा गाड़ी से साइलेंसर को एक खास तरीके से मॉडिफाइड करने के कारण होता है। यूं तो किसी भी दोपहिया वाहन के साथ इस तरह की छेड़छाड़ की जाती है, लेकिन बुलेट मोटरसाइकिल के साथ ऐसा सबसे ज्यादा किया जाता है। जब इस तरह के वाहन पटाखे जैसे तेज धमाकों के साथ अंधाधुध रफ्तार में सड़कों पर चलते हैं तो आसपास चलने वाले वाहन चालक न सिर्फ घबरा जाते हैं, बल्कि एक्सीडेंट का भी खतरा बना रहता है।
पिछले दिनों चलाया था अभियान
इस तरह के मॉडिफाइड वाहनों के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस ने हाल के दिनों में दून सहित पूरे राज्य में अभियान चलाया था। इस अभियान के तहत दून में 461 वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। इनमें से 57 वाहनों को सीज किया गया था और 43 दोपहिया वाहनों के मॉडिफाइड साइलेंसर उतार दिये गये थे और ऐसे साइलेंस इस्तेमाल किये जाने वाले 57 वाहनों को सीज किया गया था। थर्स डे को कुल 185 साइलेंसर पर ट्रैफिक पुलिस ऑफिस के बाहर रोड रोलर फेरा गया।
जारी रहेगी कार्रवाई
एसपी ट्रैफिक देहरादून अक्षय कोंडे ने दोपहिया वाहनों पर इस प्रकार के मॉडिफाइड साइलेंसर लगाकर चलाने वालों से अपील की है कि कंपनी द्वारा दिए गए साइलेंसर का में किसी तरह का बदलाव कानून के खिलाफ है। यदि भविष्य में कोई वाहन चालक मॉडिफाइड साइलेंसर लगाकर वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके साथ ही उस मकैनिक के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा, जिसने साइलेंसर बदला है। उन्होंने कहा कि इस मामले में अब जीरो टॉलरेंस के पॉलिसी अपनाई जाएगी। किसी को भी इस मामले में रियायत नहीं दी जाएगी।