देहरादून (ब्यूरो)। सिटी में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने सबसे पहले कचरा सेग्रीगेशन किया जाना चाहिए। यानी कि सूखा कचरा और गीला कचरा अलग होना चाहिए। यह बात बार-बार कही जाती रही है कि कचरे का सेग्रीगेशन उसके स्रोत यानी घर से ही होना चाहिए। दून में कई लोग घरों के कचरा सेग्रीगेशन करते भी हैं, लेकिन जब कचरा उठाने वाली गाड़ी आती है तो उसमें सूखा और गीला कचरा अलग रखने की व्यवस्था नहीं है। कचरा सेग्रीगेशन के लिए सिटी में अलग-अलग जगहों पर जमीन चिन्हित की जानी है, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद इस दिशा में अब तक कोई काम नहीं हुआ है।
एसओपी का भी पता नहीं
हाईकोर्ट से प्लास्टिक कचरे को लेकर सभी डीएम को एसओपी बनाने के लिए भी कहा था, लेकिन अब तक इस एसओपी का भी कोई पता नहीं है। अलबत्ता हाईकोर्ट द्वारा कचरे संबंधी शिकायत के लिए जारी की गई ई-मेल आईडी पर लगातार शिकायतें आ रही हैं और ये शिकायतें सीधे गढ़वाल और कुमाऊं कमिश्नर को भेजी जा रही हैं।
अब हर रोज रिपोर्ट देने के निर्देश
प्लास्टिक कचरा निस्तारण को लेकर जमीन पर हालांकि अब भी कुछ नजर नहीं आ रहा है, लेकिन हर रोज समीक्षा बैठक कर रिपोर्ट देने के आदेश डीएम की ओर से दे दिये गये हैं। हाई कोर्ट के आदेशों को देखते हुए डीएम ने मंडे को खुद इस मामले को लेकर समीक्षा बैठक की और सभी नामित नोडल अधिकारियों को हर रोज सेक्टर मजिस्ट्रेट स्तर पर की जाने वाली कार्यवाही को लेकर समीक्षा बैठक करने और रिपोर्ट देेने को कहा।
एसडीएम को जमीन तलाशने के निर्देश
दून सिटी में कचरा सेग्रीगेशन के लिए जमीन चिन्हित करने की जिम्मेदारी एसडीएम सदर को दे दी गई है। डीएम ने उन्हें सख्त निर्देश दिये हैं जल्द से जल्द जमीन चिन्हित कर लें। उन्होंने यह भी कहा कि जहां जमीन चिन्हित कर ली गई है, उसकी डीपीआर तुरन्त तैयार करके भेज दें। इसके साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल, स्टोरेज और परिवहन करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं।
जागरूकता भी कागजों में
प्लास्टिक कचरे को लेकर लोगों को अवेयर करने का काम भी अब तक सिर्फ कागजों में ही हो रहा है। नगर निगम की ओर से कुछ महीने पहले चलाये गये प्लास्टिक मुक्त देहरादून अभियान को छोड़ दिया जाए तो पिछले दो वर्षों में इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। डीएम ने अब जन जागरूकता अभियान में तेजी लाने को भी कहा है।
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वेस्ट सेग्रीगेशन के लिए जहा जमीन चिन्हित नहीं हुई है, वहां इस काम में तेजी लाएं। सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिये हैं। अब नोडल अधिकारी स्तर पर हर रोज समीक्षा बैठक होगी और रिपोर्ट भी दी जाएगी।
सोनिका, डीएम
आंकड़ों पर एक नजर
दून में जेनरेट गार्बेज : 500 टन रोज
सॉलिड गार्बेज : 300 टन रोज
वेट गार्बेज : 200 टन रोज
प्लास्टिक गार्बेज : 210 टन रोज
शीशमबाड़ा में वेस्ट : 3.0 लाख टन
आंकड़ा : नगर निगम व अन्य स्रोतों से अनुमानित