देहरादून ब्यूरो।
सर्वे चौक डालनवाला के शराब ठेके पर जुर्माना डीएम के आदेश की अनदेखी करने के मामले में लगाया गया है। डीएम ने शराब की दुकान पर 'यहां पर ओवर रेटिंग नहीं होती हैÓ संबंधी बैनर लगाने के निर्देश दिये हैं। लेकिन आबकारी विभाग की चेकिंग के दौरान इस ठेके पर दो बार बैनर नहीं मिला। आबकारी विभाग के अनुसार सर्वे चौक (डालनवाला) शराब की दुकान पर पोस्टर, बैनर चस्पा किये गए थे। जिसे हटाने पर दुकान का 10 हजार का चालान किया गया था। इसके साथ ही फिर पोस्टर, बैनर चस्पा करने के निर्देश दिए गए थे। फ्राइडे को फिर से दुकान का निरीक्षण किया गया तो इस बार भी पोस्टर-बैनर नहीं थे। इस पर दुकान पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
लगातार दावे, फिर भी ओवर रेटिंग
आबकारी विभाग पिछले करीब दो हफ्ते से शराब के ठेकों का निरीक्षण करने, चालान करने और ओवर रेटिंग न करने की चेतावनी दिये जाने का दावे कर रहा है। लेकिन, जमीनी हकीकत यह है कि अब भी दून में ज्यादातर ठेकों पर शराब की ओवर रेटिंग हो रही है। शराब के क्वार्टर पर 10 रुपये, हाफ पर 20 रुपये और बोतल पर 30 रुपये ज्यादा वसूलना आम बात है। आमतौर पर शराब के मामले में कस्टमर्स ओवर रेटिंग का लेकर बहस नहीं करते। इसी का फायदा शराब व्यवसायी जमकर उठा रहे हैं।
चालान, जुर्माने की चिंता नहीं
शराब व्यवसायियों पर विभाग के चालान और जुर्माने का ज्यादा असर नहीं पड़ता। जितना अधिकतम जुर्माना विभाग लगा सकता है, वह रकम ओवर रेटिंग कुछ ज्यादा बढ़ाकर कुछ ही दिन में कवर हो जाता है। इसके बाद ओवर रेटिंग से जो कमाई होती है, वह अपनी होती है। ऐसे में शराब व्यवसायी ओवर रेटिंग बंद करने के बजाय जुर्माना देना ज्यादा पसंद करते हैं। हालांकि विभाग के पास दुकान का लाइसेंस रद्द करने का भी अधिकार होता है, लेकिन ऐसा नहीं किया जाता। इसी का लाभ उठाते हुए पिछले कई सालों से दून में शराब की दुकानों पर ओवर रेटिंग नियम बन चुका है।
डीएम के निर्देश के अनुपालन में सभी शराब की दुकानों पर छापामारी अभियान जारी है। जिन दुकानों में फ्लैक्स, पोस्टर नहीं पाए जा रहे हैं या ओवर रेटिंग और अन्य कमियां पाई जा रही हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
राजीव चौहान, जिला आबकारी अधिकारी