देहरादून, ब्यूरो: बहुमंजिले भवनों में पार्किंग अनिवार्य है। निर्माण के दौरान पाकिंज़्ग बनाई भी जाती है, लेकिन बाद में इसका उपयोग दुकान, शोरूम और रेस्टोरेंट के रूप में किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि ऐसे निमाज़्ण के खिलाफ एमडीडीए जल्उ सख्त एक्शन लेने जा रहा है।
इन इलाकों में पार्किंग स्थल पर चल रही दूसरी गतिविधियां
शहर के प्रमुख कॉम्पेक्सों में पार्किंग में रेस्टोरेंट चल रहे हैंद्य कई काम्प्लेक्सों में तो शोरूम भी खोल दिए गए हैं। गांधी रोड, घंटाघर चौक, चकराता रोड, राजपुर रोड, क्रास रोड, ईसी रोड, रायपुर रोड, आराघर, सहारपुर रोड, हरिद्वार बाईपास में यही हाल हैद्य नियमानुसार पार्किंग में वाहन ही खड़े किए जा सकते हैं, लेकिन यहां होटल व रेस्टोंरेट चलाए जा रहे हैं।
सड़क पर पार्क हो रहे वाहन
इन कॉम्प्लेस, होटल और रेस्टोंरेंट में आने वाले लोगों के वाहन सड़क पर ही खड़े होते हैं। इससे सड़क पर जाम लगता है, जिससे आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। एमडीडीए तो नक्शे पास करके लगता है सो गया हैद्य नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय आंख मूंदकर बैठ गया है।
अस्पतालों से पार्किंग गायब
शहर के मेन जगहों पर बड़ी संख्या में अस्पताल खुल गए हैंद्य इनमें अधिकांश अस्पतालों में पाकिंज़्ग भी नहीं है, जिनमें है भी वह पार्किंग का दूसरा इस्तेमाल कर रहे हैंद्य अस्पतालों में आने वाले मरीज और तिमारदार सड़कों पर वाहन पकड़ कर रहे हैं, जिससे अस्पताल के पास जाम की स्थिति बनी रहती है।
एमडीडीए की कार्यशैली सवालों के घेरे में
बहुमंजली इमारतों से बेसमेंट पाकिंज़्ग बंद किए जाने से पूरा शहर जाम से जूझ रहा है। नक्शा पास करने का जिम्मा संभाले एमडीडीए इस ओर कोई कारज़्वाई नहीं करताद्य तीन-चार साल पहले एमडीडीए ने कुछ दिन मुहिम चलाई, लेकिन यह परवान नहीं चढ़ पाई।
एमडीडीए से ट्रैफिक पुलिस सौंपी रिपोर्ट गायब
शहर में अवैध तरीके से पाकिंज़्ग कब्जाने से पैदा हई समस्या को लेकर ूदन में ट्रैफिक पुलिस ने सर्वे कर ऐसे काम्लैक्सों और होटलों की लिस्ट बनाकर एमडीडीए को सौंपी, लेकिन एमडीडीए में इस रिपोर्ट का कहीं अता-पता नहीं है, या यूं कहें कि यहां से रिपोटज़् गायब है। अधिकारी ट्रैफिक पुलिस की रिपोटज़् की जानकारी न होने की बात कर रहे हैं। ऐसे में कारज़्वाई की बात तो दूर है।
बहुमंजली इमारतों में पाकिंज़्ग जरूरी हैद्य जो प्रतिष्ठान पाकिंज़्ग का दूसरा इस्तेमाल कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कारज़्वाई की जाएगी, इसके लिए टीम बनाकर सवेज़् शुरू किया जा रहा है, इस बार केवल चालान ही नहीं ऐसे इमारतों के नक्शे भी निरस्त करने की कारज़्वाई की जाएगीद्य
मोहन सिंह बरनिया, सचिव एमडीडीए, देहरादून