देहरादून (ब्यूरो) कोरोनाकाल में ऑक्सीजन सिलेंडरों की कितनी मारामारी चल रही थी। किसी से छुपा नहीं है। दून में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिलता था। ऑक्सीजन के लिए रात में ही लंबी कतारें लग जाती थीं। इसी बीच दून मेडिकल कॉलेज व कोरोनेशन अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए। उम्मीद थी कि भविष्य में इन ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट से जरूरतमंद मरीजों को लाभ मिलेगा। अस्पतालों को बाहर से ऑक्सीजन नहीं खरीदनी पड़ेगी। खुद कैंपस में ही ऑक्सीजन का प्रोडक्शन हो सकेगा। लेकिन, अब परिस्थिति जुदा हैं। हाल ये है कि इन अस्तपालों में न ऑक्सीजन का जनरेशन हो पा रहा है और नहीं जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन इन प्लांट्स से अस्पतालों में सप्लाई हो पा रही है। यहां तक कि राजधानी के एक मात्र सरकारी मेडिकल कॉलेज में तो ऑक्सीजन प्लांट मानो बंद ही हो गया हो। जहां पर प्लांट्स स्थापित किया गया है, वहां पर ताला जड़ दिया गया है।
करोड़ों का ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट
दून हॉस्पिटल में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट की लागत कितनी आए, कोई बताने को तैयार नहीं है। लेकिन, जानकार जरूर बताते हैं कि करोड़ों रुपए खर्च कर इसकी शुरुआत की गई थी। इसके लिए केंद्र से भी धनराशि मुहैया कराई गई थी। हाल ऐसा ही कोरोनेशन अस्पताल का भी है। दून हॉस्पिटल का ये ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट सभी आयुष्मान वार्ड से कनेक्ट बताया गया है। जिससे ये आईपीडी में आसानी से ऑक्सीजन की सप्लाई हुआ करती थी।
ऑक्सीजन प्लांट्स पर एक नजर
-दून मेडिकल कॉलेज व कोरोनेशन हॉस्पिटल में लगाए गए थे ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट।
-कोविडकाल में इन प्लांट्स से लोगों को मिली सहूलियत।
-उम्मीद थी कि भविष्य में भी होते रहेगा ऑक्सीजन जनरेशन।
-अब यह प्लांट्स हो गए हैं बंद।
-दून मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में बेड की संख्या -400.
-ऑक्सीजन बेड की संख्या 150 से ज्यादा।
-कोरोनेशन हॉस्पिटल में बेड की संख्या 300 तक।
-सभी बेड ऑक्सीजन से पूरी तरह लैस।
लंबे वक्त से बंद ऑक्सीजन प्लांट
भले ही इन हॉस्पिटलों में ये ऑक्सीजन प्लांट जीवनदायी साबित हुए हों। लेकिन, वर्तमान में स्थितियां और परिस्थितियां अलग हैं। प्लांट बंद हैं और ऑक्सीजन की जरूरत पर दूसरे फर्म से ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक ये ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट्स जैसे ही कोविड महामारी कम होने लगी, इनसे ऑक्सीजन जनरेशन होना भी कम होता गया। लेकिन, अब तक पूरी तरह जनरेशन ही नहीं हो पा रहा है। जबकि, दून मेडिकल कॉलेज और कोरोनेशन अस्पताल प्रशासन के इसको लेकर अपने तर्क हैं।
दून हॉस्पिटल का ऑक्सीजन प्लांट
-2000 लीटर क्षमता के ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट।
-7 अक्टूबर 2021 को सीएम व स्वास्थ्य मंत्री ने किया इनॉग्रेशन।
-प्लांट से एक समय में होती थी पूरी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन सप्लाई।
-प्लांट में मौजूद दो टैंक, एक की क्षमता एक हजार लीटर।
कोरोनशन ऑक्सीजन प्लांट
कोरोनेशन हॉस्पिटल में 26 जून 2021 केंद्र की ओर से ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित किया गया था। भरोसा दिया गया था कि सिटी व उसके आसपास के एरिया के लोगों को ऑक्सीजन के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े। लेकिन, यहां भी प्लांट बंद है। हॉस्पिटल प्रबंधन हॉस्पिटल में पेशेंट कम होने का हवाला दे रहा है।
कैंपस में प्लांट, सिलेंडर के टेंडर फ्लोट
अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दून मेडिकल कॉलेज में खुद ऑक्सीजन प्लांट है। लेकिन, मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने लिक्विड ऑक्सीजन की खरीद के लिए एक कंपनी यूजीसी को बाकायदा टेंडर फ्लोट किए हैं। ये सरासर कॉलेज प्रशासन पर सवाल खड़े करता है।
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