देहरादून, (ब्यूरो): उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा यमुना घाटी से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों ने शनिवार को डाकपत्थर में अधिशासी निदेशक जानपद लखवाड़ व्यासी परियोजना कार्यालय के बाहर सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया। शनिवार को मोर्चा से जुड़े अधिकारी व कर्मी जुलूस की शक्ल में कार्यालय पर पहुंचे। जहां उन्होंने सरकार से यूजेवीएन लिमिटेड की भूमि को निजी हाथों में सौंपने के फैसले को निरस्त करने की मांग की।

रिडेवलपमेंट के नाम पर जमीन खुर्द-बुर्द

मोर्चा संयोजक गोपाल बिहारी व सह संयोजक संजय राणा के नेतृत्व में मोर्चा के समस्त घटक संगठनों के कर्मचारियों ने कहा कि मोर्चा द्वारा कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं के विषय में जुलाई में समस्या पत्र दिया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वर्तमान में यूजीवीएनएल की भूमि को अनुपयोगी घोषित करते हुए उत्तराखंड शासन के प्लाङ्क्षनग विभाग में यूआईडीआईबी के माध्यम से रीडेवलपमेंट के नाम पर निजी कंपनियों को सौंपने की तैयारी की जा रही है। जबकि वर्तमान में परियोजना क्षेत्र में जो भूमि है, वह वर्ष 1960 से 70 तक तत्कालीन उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद द्वारा क्षेत्र में जल विद्युत परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित करते हुए ली गई थी।

आंदोलन जारी रखने का एलान

प्रदर्शन के बाद अधिशासी निदेशक जानपद से हुई वार्ता में अवगत कराया गया कि कर्मचारियों की समस्या के संबंध में अक्टूबर के माह में द्विपक्षीय वार्ता का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। उसमें वर्तमान परियोजनाओं की आवश्यकता अनुरूप आवास व कार्यालय की भूमि को रखने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त बची भूमि को ही स्थानांतरण किया जाएगा। ईडी राजीव अग्रवाल से वार्ता के बाद मोर्चा के घटक संगठनों की बैठक हुई। जिसमें निर्णय लिया कि वर्तमान आंदोलन कार्यक्रम को तब तक जारी रखा जाएगा, जब तक निगम व शासन स्तर से इस विषय में स्पष्ट सूचना नहीं दी जाती और निर्णय को निरस्त नहीं किया जाता।

प्रदर्शन में ये रहे शामिल

प्रदर्शनकारियों में सुधीर कुमार, अनुज कुमार, संजय सत्संगी, प्रेम प्रकाश, धाम ङ्क्षसह नेगी, मनीष कुमार, विनीत कुमार, अमित बहुगुणा, अरङ्क्षवद बहुगुणा, गंभीर ङ्क्षसह, राजेंद्र सैनी, अभिषेक शर्मा, पंकज सैनी, भानुप्रकाश जोशी, आरसी जोशी, राजीव कुमार व दिग्विजय सिंह रावत मुख्य रूप से मौजूद हैं।

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