देहरादून, (ब्यूरो): राज्य सरकार ने इस बार पर्यावरण की रखवाली, घर-घर हरियाली, लाए समृद्धि और खुशहालीÓ, थीम पर 16 जुलाई से मनाए जाने वाले प्रकृति पर्व हरेला की शुरुआत करने का प्लान तैयार किया है। इसके तहत प्रदेशभर में वृहद स्तर पर पौधारोपण किया जाएगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए शासन सक्रिय हो गया है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बुधवार को हरेला पर्व पर होने वाले पौधारोपण अभियान की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि इस अभियान को व्यापक जनांदोलन के रूप में लिया जाए। साथ ही जिलाधिकारियों से कार्ययोजना रिपोर्ट तलब की। उन्होंने निर्देश दिए कि हरेला पर्व पर होने वाले पौधारोपण का अभिलेखीकरण अनिवार्य रूप से किया जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों और डीएफओ से कहा कि अभिलेखीकरण की रिपोर्ट मुख्यमंत्री द्वारा अपेक्षित है।

नर्सरियों में की जाए पर्याप्त उपलब्धता
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से कहा कि हरेला पर्व पर पौधारोपण के लक्ष्य के साथ ही नर्सरियों में पौधों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए। पौधारोपण में छोटी पौध की अपेक्षा दो वर्ष से अधिक आयु के पौधों को वरीयता दी जानी चाहिए। साथ ही लोक निर्माण विभाग से कहा कि वह सड़कों के किनारे क्रश बैरियर के स्थान पर बांस के पौधों का रोपण सुनिश्चित कराए।

दून में रोपे जाएंगे 10 लाख पौधे
बैठक में जानकारी दी गई कि देहरादून जिले में 10 लाख से ज्यादा और हरिद्वार में दो लाख पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है। वन विभाग की ओर से बताया गया कि वन क्षेत्रों में पौधारोपण का कार्य प्रारंभ हो गया है। यह लगभग 20 प्रतिशत हो चुका है।

जगह चयनित, एक पेड़ मां के नाम
विभागीय पौधारोपण के अलावा हरेला कार्यक्रम को लेकर जानकारी दी गई कि जिला स्तर पर गठित समितियों के साथ बैठकें की जा चुकी हैं। हरेल पर्व पर पौधारोपण के लिए स्थल भी चयनित किए जा चुके हैं। केंद्र सरकार के निर्देशों का उल्लेख करते हुए बैठक में बताया गया कि विभागीय पौधारोपण, वृहद पौधारोपण व हरेला पर्व पर होने वाले पौधारोपण में एक पेड़ मां के नाम का प्रयोग किया जाना है। बैठक में प्रमुख सचिव वन रमेश कुमार सुधांशु, अपर सचिव विनीत कुमार समेत वन विभाग के आला अधिकारी मौजूद थे, जबकि सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

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