देहरादून (ब्यूरो).15 अक्टूबर को डोईवाला निवासी शीशपाल अग्रवाल के घर बदमाशों ने डकैती डाली थी। एसएसपी दलीप ङ्क्षसह कुंवर ने बताया कि इस मामले में पुलिस अब तक 7 बदमाशों को गिरफ्तार कर उनसे 12 लाख रुपये कैश, सोने और हीरे के गहने, तीन तमंचे, कारतूस और वारदात में इस्तेमाल कार बरामद कर चुकी है।
फरार बदमाशों पर था इनाम
फरार चल रहे चार बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने उन पर पहले 25 हजार रुपये का इनाम रखा था, बाद में इस 1 लाख रुपये कर दिया गया था। इन बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम जयपुर भेजी गई थी। जयपुर में पुलिस उसे तलाशती रही। इस बीच पता चला कि वह दून लौट रहा है। पुलिस भी उसके पीछे लग गई। आखिरकार टीम ने उसे 28 नवंबर को मोतीचूर फ्लाईओर के पास रायवाला से गिरफ्तार कर लिया।
बड़ी डकैती, छोटे-मोटे काम
पुलिस के अनुसार डकैतों की यह गैंग डी -70 के नाम पर मशहूर है। गैंग में 70 सदस्य थे। इनमें से कुछ का एनकाउंटर हो चुका है और कुछ गिरफ्तार किये जा चुके हैं। गैंग के सदस्य हर बड़ी डकैती के बाद भैंसे रखने, कपड़े बेचने जैसे छोटे-मोटे काम में लग जाते हैं, ताकि आसपास के लोगों की नजरों में सीधे-सादे मेहनती लगें। गैंग के सभी सदस्य खानाबदोश किस्म के हैं। उन्होंने अपने घर छोड़े हुए हैं और किराए के मकानों पर रहते हैं। मेहरबान उर्फ बावला गैंग का लीडर था। पहले जब वे पकड़े जाते थे तो तुरंत कोर्ट में सरेंडर कर देते थे, और जमानत पर छूटने के बाद फिर डकैती की घटना को अंजाम देते थे।
ऐसे किया गैंग का पर्दाफाश
15 अक्टूबर को दिनदहाड़े बदमाश काबीना मंत्री के रिश्तेदार शीशपाल अग्रवाल के घर पर घुसे और चाकू व तमंचा दिखाकर उनकी पत्नी व दो नौकरानियों को कमरे में बंधक बना लिया। इसके बाद बदमाशों ने उन्हें जान से मारने की धमकी देकर घर में रखी करीब एक करोड़ रुपये की नकदी व हीरे, सोने व चांदी के गहनों पर हाथ साफ कर लिया। पुलिस ने पीडि़त के घर में पूर्व में कार्य चुके व्यक्तियों के बारे में भी जानकारी जुटाई। तो पता चला कि कुड़कावाला डोईवाला निवासी महबूब ठेकेदार ने दो वर्ष पूर्व पीडि़त के घर में फर्नीचर बनाने का कार्य किया था, जो डकैती के बाद से लापता था। महबूब की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए पुलिस ने इस दिशा में जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि डकैती का मास्टरमाइंड महबूब ही है।