देहरादून (ब्यूरो)। आम तौर पर चारधाम यात्रा करीब छह महीने चलती है। इस बार दो महीने भी नहीं चल पाई। कपाट खुलने से लेकर मानसून आने तक यानी जून लास्ट तक करीब डेढ़ महीने यात्रा सीजन पीक पर होता है। यह वह वक्त होता है जब चारधाम यात्रा हजारों परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाती है। देहरादून ऋषिकेश और हरिद्वार के लगभग सभी ट्रांसपोटर्स की गाड़ियां चारधाम के लिए बुक हो जाती हैं। यात्रा मार्गों पर ढाबे, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस और दूसरी छोटी-मोटी दुकानें चलाने वाले लोगों को रोजगार मिलता है। इसके साथ ही धामों में भी होटल, गेस्ट हाउस चलते हैं। केदारनाथ जैसे पैदल मार्ग वाले धाम में पैदल रास्ते पर और दुकानें चलाने वाले और खच्चर, डंडी चलाने वाले भी इन डेढ़ महीनों में अच्छा रोजगार कर लेते हैं। लेकिन, कोविड बंदी के कारण दो वर्षों से सिर्फ ढलते सीजन के दो महीनों ही यात्रा चल पा रही है।
4.93 लाख यात्री पहुंचे इस बार
इस वर्ष श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा करने की छूट 18 सितंबर को मिली और 6 नवंबर को बदरीनाथ को छोड़कर बाकी तीनों धामों के कपाट बंद हो गये। दो महीने से भी कम समय में चारों धामों में कुल 4 लाख 93 हजार, 154 तीर्थयात्री पहुंचे। यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में कुछ ज्यादा थी। पिछले वर्ष 3 लाख, 30 हजार, 196 लोग चार धाम पहुंचे थे।
इस वर्ष पहुंचे तीर्थ यात्री
गंगोत्री 33,166
यमुनोत्री 33136
केदारनाथ 239592
बदरीनाथ 178095
हेमकुंड साहिब 9165
2019 में सबसे ज्यादा यात्री
हाल के वर्षों में 2019 में सबसे ज्यादा तीर्थयात्री राज्य में चारधाम यात्रा करने आये थे। केदारनाथ आपदा से पहले 2012 में 27 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री उत्तराखंड आये थे। आपदा के कारण अगले तीन साल बहुत कम संख्या में लोग पहुंचे। 2014 सबसे कम यात्रा वाला साल रह। उस वर्ष आपदा के कारण चारों धाम और यात्रा मार्ग अस्त-व्यस्त थे। कुल 3 लाख 33 हजार 88 तीर्थ यात्री पहुंचे थे। 2019 में यह संख्या 2014 से कम रही, हालांकि इस बार कुछ इजाफा दर्ज किया गया।
वर्षवार तीर्थयात्रियों की संख्या
वर्ष कुल यात्री
2012 27,23,311
2013 11,88,073
2014 3,33,088
2015 8,72,529
2016 15,13,345
2017 23,22,611
2018 27,81,428
2019 34,10,035
2020 3,30,196
2021 4,93,154