देहरादून, (ब्यूरो): हार्ट ऑफ द सिटी यानि दून की धड़कन। एक बार फिर से आजकल चर्चाओं में है। वजह, घडिय़ों की सुईयां पिछले कुछ दिनों से बंद हो जाना। लेकिन, सच तो ये है कि घंटाघर की सुईयां घडिय़ों का सामान चोरी होने से नहीं, बल्कि बिजली के तार कटने से बंद हुई थी। दो दिन बंद रही घडिय़ों को लेकर सोशल मीडिया पर आरोप लग रहे थे कि घंटाघर से घडिय़ों की सुईयां, म्यूजिकल फाउंटेन का कीमती सामान व नोजल जैसी सामग्री चोरी हो गए हैं। लेकिन, वेडनसडे सुबह जब पुलिस और नगर निगम की टीम ने संयुक्त रूप से मौके का मुआयना किया। स्थिति शीशे की तरह साफ हो गई। जांच में चोरी जैसी कोई घटना नहीं पाई गई। बल्कि, बिजली का केबल कटा हुआ मिला। दरअसल, घंटाघर की घडिय़ां डिजिटल हैं। बिजली से संचालित होती हैं। ऐसे में तार कटने के कारण घडिय़ां बंद हो गईं। इधर, देर शाम केबल जोडऩे के बाद घंटाघर की सुईयां और म्यूजिकल फाउंटेन फिर शुरू कर दिए गए।
दून की धड़कन पर एक नजर
-5 वर्ष पहले 2019 में ही निगम ने चेन्नई की इंडियन क्लॉक्स कंपनी से घंटाघर के लिए 9.55 लाख में खरीदी थीं 6 डिजिटल घडिय़ां।
-इससे पहले यहां लगी हुई थी जर्मनी की कंपनी की घडिय़ां, जो चाबी भरने पर चलती थीं।
-71 वर्ष पहले 1953 में ये क्लॉक टॉवर बनकर तैयार हुआ, लोकार्पण तत्कालीन रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने किया।
-अभिलेखों के मुताबिक घंटाघर का शिलान्यास तत्कालीन राज्यपाल सरोजनी नायडू ने 24 जुलाई 1948 में किया था।
-दून के तत्कालीन न्यायाधीश रईस बलवीर ङ्क्षसह के निधन के बाद उनके बेटे ने पिता की स्मृति में उठाया था खर्च।
-शुरू में डिजाइन चौकोर था, बाद में षटकोणीय कर दिया गया।
-टॉप में 6 घडिय़ां लगाई गर्ई, जर्मनी से भारीभरकम मशीनों से ये घडिय़ां लाई गई थी।
2 चौकीदारों के पास रहती है चाबी
एसएसपी अजय सिंह के अनुसाार जांच में मामला किसी व्यक्ति की साजिश या शरारत से जुड़ा होना सामने आया है। सोची समझी रणनीति के तहत बिजली की तारों को काटा गया था। घंटाघर की निगरानी के लिए निगम ने दो चौकीदार नियुक्त किए हुए हैं। जिनके पास घंटाघर के भीतर जाने वाले दरवाजे के डबल-लॉक की चाबी रहती है। ऐसे में ये घटना चौकीदारों की लापरवाही के कारण हुई है। एसएसपी के मुताबिक घंटाघर की बिजली की केबल कटने के बारे में नगर निगम के ईई जेपी रतूड़ी की ओर से ट्यूजडे शाम को तहरीर मिली थी। इसके बाद वेडनसडे को नगर आयुक्त गौरव कुमार और सीओ सिटी नीरज सेमवाल ने घंटाघर का ज्वाइंट इंस्पेक्शन किया। जांच में ऐसा कुछ नहीं पाया गया कि घंटाघर की इमारत में कोई जबरन घुसा हो और ताला तोड़कर चोरी करने का प्रयास किया गया हो। जांच टीम ने जब डबल-लॉक खोलकर बिङ्क्षल्डग में प्रवेश किया, वहां बिजली का केबल कटा मिला। फिलहाल, नगर आयुक्त ने मामले में विभागीय जांच बैठा दी है।
सुबह लाइन हाजिर, शाम को बहाल
सिटी के सबसे ज्यादा व्यस्ततम राजपुर रोड पर स्थित धारा चौकी से महज 100 मीटर की दूरी पर मौजूद क्लॉक टॉवर से कीमती सामान चोरी होने की घटना एसएसपी ने गंभीरता से लिया। सुबह चौकी प्रभारी हर्ष अरोड़ा को लाइन-हाजिर कर दिया गया। लेकिन, शाम को जब जांच रिपोर्ट में पता चला कि चोरी नहीं हुई है। उसके बाद चौकी प्रभारी को बहाल कर दिया गया।
घंटाघर की घडिय़ों पर एक नजर
-घंटाघर की नई घडिय़ां डिजिटल होने के साथ मॉडर्न भी हैं।
-ये जीपीएस से इंडियन स्टैंडर्ड टाइम (आईएसटी) पर बिजली से होती हैं संचालित।
-घडिय़ों को लगाने के लिए निगम को बिजली का नया कनेक्शन भी लेना पड़ा।dehradun@inext.co.in