देहरादून (ब्यूरो) विधायक कैंट सविता कपूर, राजपुर विधायक खजानदास, पूर्व विधायक राजकुमार समेत निवर्तमान पार्षदों व क्षेत्र के लोगों ने परिसीमन को लेकर अपनी आपत्तियां सुनवाई के दौरान रखीं। इस मौके पर मुख्य नगर आयुक्त गौरव कुमार, एएमएनए बीर ङ्क्षसह बुदियाल, एडीएम प्रशासन जयभारत ङ्क्षसह, एसडीएम सदर हरिगिरि, उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल सहित नगर निगम के कार्मिक उपस्थित रहे।
परिसीमन पर नेताओं की ना-ना
नगर निगम में परिसीमन को लेकर विरोध जारी है। वार्डों की आबादी मानक के अनुसार 8000 के आसपास करने के लिए निगम ने कई मोहल्ले इधर से उधर कर दिए हैं। जिस पर विपक्ष ही नहीं सत्ता पक्ष के नेता भी आपत्ति जता रहे हैं। आपत्तियों के निस्तारण के दौरान सैटरडे को भी नगर निगम में बीजेपी के विधायक, निवर्तमान पार्षद और कई पार्षद पद के दावेदार अपनी बात रखने पहुंचे। उन्होंने अपने वार्डों से प्रमुख मोहल्ले हटने पर नाराजगी जताई। जनप्रतिनिधि इसमें निगम के कार्मिकों पर लापरवाही और जल्दबाजी में परिसीमन करने का आरोप लगाते हुए देखे गए। माना जा रहा है कि नए परिसीमन के बाद नेताओं को वोट बैंक खिसकने का डर सता है, इसलिए वे ज्यादा चिंतित दिखकर वार्डों का न छेडऩे के साथ यथावत रखने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं।
5 विस क्षेत्रों की आपत्तियां सुनीं
-मसूरी
-राजपुर
-रायपुर
-कैंट
-धर्मपुर
-डोईवाला
ये माननीयों की आपत्तियां
-फिजिकल परिसीमन किया जाए।
-आबादी, क्षेत्र का संतुलन बनाया जाए।
-परिसीमतन प्रैक्टिकल नहीं, थ्योरीकल ज्यादा।
-एक ब्लॉक को दूसरे, दूसरे को तीसरे में किया शिफ्ट।
-परिसीमन जल्दबाजी में किया गया।
-वर्तमान की नहीं, 2011 की आबादी का दिया आधार।
-नियमानुसार 6 महीने पहले होना चाहिए था परिसीमन।
विधायकों को दिलाया भरोसा
आपत्तियों की सुनवाई के लिए पहुंचे विधायकों का कहना है कि उन्होंने जिला प्रशासन पर परिसीमन के नाम पर मामूली परिवर्तन करते हुए परिसीमन पूर्व की भांति यथावत रखने के लिए कहा है। जिस पर प्रशासन ने अपनी सहमति दी है। विधायकों का कहना है कि जिला प्रशासन के भरोसा के बाद अब ज्यादा दिक्कत सामने नहीं आएगी।
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