देहरादून,(ब्यूरो): राज्य में ग्राउंड वाटर व जलस्रोतों के अनलिमिटेड दोहन पर सरकार सख्त हो गई है। इसी कड़ी में सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट की बैठक में ग्राउंड वाटर व जलस्रोतों से पानी के कॉमर्शियल यूज पर एक दिसंबर से टैक्स लगाने को मंजूरी देने के साथ ही जल मूल्य की दरों पर भी मुहर लगा दी गई।

आईटीबीपी व पशुपालन विभाग एमओयू साइन होंगे

कैबिनेट ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए चमोली, उत्तरकाशी व पिथौरागढ़ में स्थित आईटीबीपी की बटालियों को मांस के लिए स्थानीय निवासियों से भेड़-बकरी, कुक्कुट व मछली की आपूर्ति कराने संबंधी प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है। इस बावत जल्द ही आईटीबीपी व पशुपालन विभाग एमओयू साइन होंगे। राज्य के नगरीय क्षेत्रों में स्थित मलिन बस्तियों के सुधार, विनियमितीकरण से जुड़े विषय को देखते हुए संबंधित एक्ट को अध्यादेश के जरिये तीन साल आगे बढ़ाने, वन्यजीवों के हमले में घायल होने पर मुआवजा व अटल आयुष्मान कार्ड से उपचार दोनों उपलब्ध कराने समेत अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णय भी कैबिनेट में लिए गए।

-3 जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों के लोग आईटीबीपी को भेड़-बकरी, कुक्कुट व मछली की करेंगे आपूर्ति

-वन्यजीवों से हमले में घायल होने की दशा में मुआवजा और आयुष्मान योजना में उपचार दोनों का मिलेगा लाभ

-कैबिनेट ने मानव-वन्यजीव संघर्ष राहत वितरण निधि संशोधन नियमावली लागू करने को भी दी स्वीकृति।

-इसके तहत वन्यजीवों के हमले में घायल होने पर आर्थिक सहायता व अटल आयुष्मान में उपचार, दोनों का लाभ मिलेगा।

1 दिसंबर से नई दरें लागू होंगी

कैबिनेट की बैठक में करीब 30 विषयों से संबंधित प्रस्तावों पर मंथन हुआ। बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए सचिव सीएम शैलेश बगोली ने बताया कि राज्य में कृषि व कृषि से संबंधित कार्यों और राजकीय पेयजल व्यवस्था को छोड़कर ग्राउंडल वाटर व जलस्रोतों के पानी का व्यावसायिक उपयोग करने पर जल मूल्य की दरों से संबंधित सिंचाई विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। इसमें ग्राउंड वाटर और जलस्रोतों से पानी के उपयोग की दृष्टि से श्रेणीवार जल मूल्य की दरें तय की गई हैं। मसलन, औद्योगिक इकाइयों, होटल, वाटर एम्यूजमेंट पार्क, रेजिडेंशियल अपार्टमेंट, ग्रुप हाउङ्क्षसग सोसायटी, वाहन धुलाई सेंटर आदि से यह जल मूल्य लिया जाएगा। स्पष्ट किया गया है कि अब ये दरें आगामी एक दिसंबर से लागू होंगी। इससे सरकार को अतिरिक्त राजस्व भी मिलेगा।

5 करोड़ के रिवॉल्विंग फंड को मंजूरी

सीमावर्ती क्षेत्र के गांवों के निवासियों की आजीविका की ²ष्टि से सरकार ने अहम कदम उठाया है। तीन जिलों में स्थित आईटीबीपी बटालियनों को मांस के लिए जीवित भेड़-बकरी, कुक्कुट व मछली आपूर्ति इन गांवों के निवासियों के माध्यम से होगी। इसके लिए पशुपालन विभाग के तहत इन गांवों के निवासियों की सहकारी समितियां गठित की गई हैं। इससे 11190 लोग लाभान्वित होंगे। भेड़-बकरी, कुक्कुट व मछली पालकों को तत्काल मूल्य उपलब्ध कराने के लिए 5 करोड़ के रिवाङ्क्षल्वग फंड को मंजूरी दी गई है।

मलिन बस्तियों को राहत

राज्य के नगर निकायों में अभी तक चिह्नित 582 मलिन बस्तियों के निवासियों को भी कैबिनेट ने राहत दे दी है। मलिन बस्तियों के सुधार, विनियमितीकरण, पुनर्वासन व पुनव्र्यवस्थापन को देखते हुए लागू नगर निकायों व प्राधिकरणों के लिए विशेष प्रविधान अधिनियम की अवधि बुधवार को समाप्त होने से बस्तियों के निवासियों में डर बना था। निकाय चुनाव को देखते हुए इस पर चर्चाएं जोरों पर थीं। कैबिनेट ने अध्यादेश के जरिये इस अधिनियम की अवधि को 3 साल आगे बढ़ाने पर सहमति दे दी।

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