देहरादून (ब्यूरो) फ्राइडे को दिलाराम चौक पर बैंडिकूट रोबोटिक मशीन का ट्रायल किया गया। इस रोबोटिक मशीन की लागत 36.66 लाख रुपये है। इस प्रकार की रोबोटिक मशीन मैनहोल की सफाई के लिए राज्य में पहली बार प्रयोग की जा रही है।

पूर्व में दी दो जेटिंग कम शक्शन मशीन
स्मार्ट सिटी के एजीएम केपी चमोला ने बताया कि पूर्व में भी सीवर लाइन खोलने के लिए जल संस्थान को दो जेटिंग कम शक्शन मशीन उपलब्ध कराई है। ये मशीन सीवर लाइन खोलने काम करती है। ये भी मानव रहित मशीन है।

इलेक्ट्रिक है ये रोबोटिक मशीन
स्मार्ट सिटी के अफसरों ने बताया कि ये रोबोटिक मशीन इलेक्ट्रिक है, जो जनरेटर की सहायता से सफाई कार्य करती है। यह 20 किलो तक के पार्टिकल्स को एक बार में उठा सकती है।

मैन्युअल सफाई से हो चुकी घटनाएं
सीवर के मेनहोल की सफाई के दौरान गैस व अन्य कारणों से मौत हो चुकी है। लेकिन रोबोटिक मशीन आने के बाद इसमें काफी कमी आएगी। इस मशीन का नाम आॉस्ट्रेलिया में बैंडिकुट नामक चूहे के नाम पर रखा गया है। ये मशीन मेड इन इंडिया है, जो केरला की कंपनी ने तैयार की है। यह एक दिन में 3 से 4 मेनहोल को नार्मली साफ कर सकती है। 20 से 25 मिनट में एक नॉर्मल मैनहोल की सफाई हो सकेगी।

भविष्य में आएगी हेवी मशीनें
इस रोबिटक मशीन से यदि मैनहोल सीवर की सफाई गति पकड़ेगी तो इससे हैवी मॉडल की मशीनें खरीदी जाएंगी।

रोबोटिक मशीन के फायदे
- सफाई कर्मियों को मेनहोल के अंदर नहीं जाना पड़ेगा
- मैनहोल की सफाई में किसी व्यक्ति की जान जाने का खतरा नहीं है
- समय के साथ मैंटेनेंस पर होने वाले खर्च में भी आएगी कमी
- आदमी के मुकाबले कई गुना हैवी पार्टिकल्स को एक बार में उठा सकती है ये मशीन
- मैनहोल की सफाई में काफी आसानी होगी और ये काफी सेफ्टी भी है।

सफाई व्यवस्था हो जाएगी आसान
देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड की सीईओ और डीएम सोनिका ने कहा कि इस रोबोटिक मशीन से सफाई व्यवस्था आसान हो जाएगी। स्मार्ट सिटी की ओर से नगर निगम क्षेत्र में सफाई के लिए भी विभिन्न प्रकार की मशीनेैं पूर्व में उपलब्ध कराई जा चुकी हैं। ट्रायल के दौरान स्मार्ट सिटी के एजीएम वाटर वक्र्स केपी चमोला, जल संस्थान के अधिशासी अभियंता आशीष भट्ट, सहायक अभियंता राघवेंद्र डोभाल, हिमांशु नौटियाल और जैन रोबोटिक्स कंपनी के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

स्मार्ट सिटी में रोबोटिक मशीन की मदद से मेनहोल की सफाई का काम शुरू हो गया है। दिलाराम चौक पर ट्रायल के तौर पर मशीन से सफाई की गई। ये मैन्युअल सफाई के मुकाबले काफी आसान तरीका है। काम सही रहा, तो भविष्य में हैवी मॉडल खरीदे जाएंगे।
सोनिका, डीएम एवं सीईओ स्मार्ट सिटी

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