देहरादून, ब्यूरो: एक समय में टीबी और पोलियो स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बना हुआ था। ऐसे में दोनों से जंग जीतने में विभाग जरूर कामयाब रहा हो। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग के लिए डेंगू से जीतना बड़ी चुनौती बना हुआ है। हालांकि, सुकून की बात ये है कि अब तक इस सीजन में दून में डेंगू का कोई केस नहीं आया है। वहीं, दूसरी ओर एक नहीं करीब 40 से अधिक विभाग डेंगू के खात्मे के लिए जुटे हुए हैं। रोज मॉनिटरिंग की जा रही है।
साल-दर-साल ऐसे बढ़ा डेंगू
साल 2016 के बाद से दो साल डेंगू के मामले कम आए लेकिन, 2019 में डेंगू के 4991 केस सामने आए। इस दौरान कई लोगों की मौत भी हुई। 2020 में डेंगू से बचाव के लिए विशेष अभियान भी चलाया गया, जिसके नतीजतन 2020 में जिले में डेंगू को कोई पॉजिटिव केस सामने नहीं आया। वर्ष 2021 में डेंगू का डंक बढ़ा और पॉजिटिव केस 126 तक पहुंचे। वर्ष 2022 में डेंगू के केस 1434 तक पहुंच गए। वहीं, वर्ष 2023 में यही डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1201 तकपहुंची। इसे देखते हुए विभाग की ओर से कई विभागों को डेंगू के खिलाफ जंग में उतारा गया।
8 साल में डेंगू का हाल
वर्ष - पॉजिटिव केस
2016 -1434
2017 - 366
2018- 314
2019- 4991
2020- 00
2021- 126
2022- 1434
2023 -1201
जंग में ये अफसर शामिल
जिला सर्विलांस अधिकारी, दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी, क्षेत्रीय निदेशक माध्यमिक शिक्षा, निदेशक मत्स्य पालन, जिला क्रीडाधिकारी, राज्य कर आयुक्त, जिला पूर्ति अधिकारी, जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, प्रधानाचार्य पैरामेडिकल कॉलेज, डीएफओ, मुख्य कृषि अधिकारी, जिला कारागार, निदेशक शहरी विकास अधिकारी, जिला पर्यटन विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, महाप्रबंधक जिला उघोग केन्द्र, स्टेशन मास्टर रेलवे, अध्यक्ष होटल संघ, अध्यक्ष निजी प्रयोगशाला संघ, अध्यक्ष आईएमए, जिला फेसिलिटेट आईईसी, जिला समन्वयक आशा कार्यक्रम, सचिव रेडक्रॉस सोसायटी व आरटीओ को शामिल किया गया है।
डिपार्टमेंट्स की जिम्मेदारी
-नगर निगम-शहरी एरिया में साफ सफाई, एंटी लार्वा छिड़काव, फॉगिंग आदि।
-पंचायती राज ग्रामीण विभाग-देहात एरिया में साफ-सफाई, एंटी लार्वा छिड़काव, फॉगिंग।
- शिक्षा विभाग--12वीं तक के स्कूल में आने वाले बच्चों को डेंगू मलेरिया और संचारी रोग से बचाने को करेगा अवयेर।
-कृषि विभाग-- किसानों को अवेयर कर फसल में जल जमा न होने के लिए रहेगा अलर्ट। जिससे मच्छरों का लार्वा न पनप पाए।
-पशु चिकित्सा-- पशु पालकों को खासकर सूकर पालकों को आबादी से दूर गतिविधियां चलाने के निर्देश।
-जल निगम--सभी को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के साथ शुद्ध पानी पीने के लिए भी अवेयर करने का जिम्मा।
-सिंचाई विभाग--नहर या फिर किनारों आदि में कर्मचारियों को दें निर्देश कि कहीं पर अनियंत्रित पानी एकत्र न होने पाए।
-सूचना विभाग--डेंगू को लेकर आम लोगों तक जनहित की सूचना प्रसारित करने की जिम्मेदारी।
-समाज कल्याण-दिमागी बुखार, संक्रामक रोग से कोई दिव्यांगजन पीडि़त हो तो उपचार कराएगा।
-उद्यान विभाग--मच्छरों से बचाव के लिए कहीं पर भी नर्सरी आदि में पानी एकत्र नहीं होने देगा।
-खाद्य एवं औषधि--रेस्टोरेंट, होटल्स आदि में खाने पीने के सामान के पास गंदगी न होने देने व खाद्य सामग्री खुले में सेल न हो पाए, जिम्मा।
-बीडीओ को निर्देश, जुलाई से नवंबर तक सप्ताह में एक बार हर इलाके में सबेरे 10 बजे से 11 बजे तक 1 घंटे पब्लिक अवेयरनेस कैंपेन चले।
-आरटीओ -- सिटी बसों, विक्रम, टैक्सी, ई-रिक्शा के मालिकों को निर्देशित करे कि वाहनों में पानी न जमा होने दें।
-पीडब्ल्यूडी --निर्माण कार्यों के परिसर में कहीं पर भी मच्छरों को न पनपने दें।
-ऊर्जा निगम-- सिटी में लगे बिजली के पोल, ट्रांसफॉर्मर व अन्य सामग्री का उचित रख रखाव करेगा।
-रोडवेज--आईएसबीटी कैंपस, बसों की छतों व यात्री विश्राम गृह में कहीं पर भी पानी जमा न रह पाए।
- एमडीडीए--प्राधिकरण की ओर से कराये जाने वाले निर्माण कार्यों पर नजर रखने का जिम्मा।
इन्हें भी दी गई जिम्मेदारी
-सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों को निर्देश, मरीजों के लिए सैपरेट वार्ड बने।
-निजी हॉस्पिटलों व लैबों को निर्देश जारी कर डेंगू जांच से संबंधित दरें तय।
-ब्लड बैंकों को भी निर्देश, ब्लड की उपलब्धता पोर्र्टल पर करें अपलोड।
-कंट्रोल रूम तैयार होने के साथ ही टोल फ्री नम्बर भी जारी।
हर साल 4 परसेंट घट रहे टीबी पेशेंंट
दून में पल्मोनरी एक्सपट्र्स के अनुसार लगातार टीबी के पेशेंट की संख्या में कमी आ रही है। टीबी के जांच के तरीकों से जल्द से पता चल जाता है जिससे पेशेंट का जल्द से जल्द से उपचार शुरू हो जाता है। हालांकि, उपचार सही समय पर शुरू होने पर ये फैलता नहीं है, जिससे पेशेंट की संख्या में हर साल 4 परसेंट तक की कमी मिल रही है। पल्मोलॉजिस्ट डॉ। अनुराग अग्रवाल के अनुसार टीबी की जांच तेज की जा रही हैं। जिसे और तेज करने की जरूरत है। उम्मीद है आगे ये संख्या और कम होगी।
सरकार के प्रयास से बेशक पोलियो और टीबी में विजय प्राप्त की जा रही हो। लेकिन, डेंगू को लेकर थोड़ी सी और सर्तकता हो तो इसे भी जीता जा सकता है। डेंगू से बचाव के लिए पब्लिक को भी अवेयर होने की जरूरत है। :-
ललित मोहन लखेड़ा
डेंगू से बचाव के लिए भले ही कितने ही विभागों का अलर्ट मोड पर होने का दावा किया जा रहा हो। लेकिन, हमारे वार्ड में इस सीजन में अब तक फॉगिंग एक बार भी नहीं हो पाई है। जिसको लेकर कई बार कंप्लेन भी की गई हैं। :-
राजकुमार तिवारी
हर बार इस सीजन के शुरू होते ही तमाम दावे किए जाते हैैं। लेकिन, हॉस्पिटल में अगर जाकर देखें तो व्यवस्था की पोल खुल जाएगी। विभाग को उस पर काम करने की जरूरत है। जैसे पोलियो और टीबी का अभियान चलता है, वैसे ही अभियान चले।
राजन पुण्डीर
टीबी की जांच को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार अभियान चलाया जा रहा है। अब कई तकनीक आ चुकी हैं, जिससे बीमारी को आसानी से पकड़ा जा सकता है। लेकिन, यही कारण है कि अब हर साल 3-4 परसेंट तक टीबी के मामले कम हो रहे हैं।
डॉ। अनुराग अग्रवाल, पल्मोलॉजिस्ट, दून हॉस्पिटल
डेंगू को लेकर तमाम विभागों की ओर से प्रयास किया जा रहा है। लगातार डेंगू के लार्वा की मॉनिटरिंग अलग-अलग टीम कर रही हैं। सभी विभागों से समय-समय पर बात कर उन्हें अवेयर किया जा रहा। किसी भी तरह का लार्वा मिलने पर लार्वीसाइड का छिड़काव किया जा रहा है।
डॉ। संजय जैन, सीएमओ देहरादून
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