देहरादून, (ब्यूरो): राजधानी की सड़कों पर पहले डस्टबिन नजर आए, उसके बाद हटाए गए। लेकिन, इसके बावजूद कई लोग आदत से इतने मजबूर हैं कि वे सड़क पर कूड़ा फेंकने से परहेज नहीं कर रहे हैं। ऐसे में अब नगर निगम प्रशासन ने इन पर न केवल पैनी निगाह रखनी शुरू कर दी है। बल्कि, दूसरे फेज में 28 ऐसे स्थान चिन्हित किए हैं जहां साफ सफाई कर फूलों के गमले रखे जा रहे हैं। लोगों को आगाह करने के लिए पेंटिंग व सफेदी की जा रही है। इसके बावजूद जहां पर कूड़ा फेंकने का क्रम कम नहीं हो रहा है, वहां पर दो-दो कर्मचारियों तक की तैनाती कर दी गई है। इसका एक ही मकसद है कि शहर से साफ और स्वच्छ बनाए रखना।

गार्बेज मैनेजमेंट रहा है चैलेंज

दरअसल, राजधानी में गार्बेज मैनजमेंट किसी चैलेंज से कम नहीं रहा है। नगर निगम की ओर से कई प्रयास किए गए। लेकिन, स्वच्छ सर्वे में भी उम्मीद की मुताबिक रैैंकिंग नहीं मिल पाई। लेकिन, अब नगर निगम प्रशासन नए एक्शन प्लान मोड पर काम कर रहा है। इसके लिए सिटी में कई ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं। हालांकि, फस्र्ट फेज में कइयों पर स्लो-स्लो काम किया जा चुका है। लेकिन, निगम प्रशासन के तमाम सर्वे के बाद राजधानी में 28 ऐसे स्पॉट्स चिन्हित किए गए हैं। जहां पर तमाम प्रयासों के बावजूद कूड़ा फेंके जाने से रोका नहीं जा रहा है। इनको नगर निगम ने ब्लैक स्पॉट्स के साथ ही वल्नरेबल स्पॉट्स नाम भी दिया है।

समूहों व सीनियर सिटीजन का सपोर्ट

सहायक नगर आयुक्त शांति प्रसाद जोशी के अनुसार सिटी में जिन 28 स्थानों को चिन्हित किया गया है। वहां पर सबसे पहले सफाई की गई है। इसके साथ ही वहां चूना, वाल पेंटिंग और फूलों के गमले लगाए गए हैं। जिससे कूड़ा फेंकने वालों को शर्म आ जाए। ये भी बताया जा रहा है कि इसके बावजूद जहां पर कूड़ा फेंका जा रहा है, वहां पर 2-2 नगर निगम के कर्मचारियों की तैनाती की गई है। जिससे वे कूड़ा फेंकने वालों पर निगाह रख सकें। इस कार्य में नगर निगम को स्वयं सहायता समूहों और सीनियर सिटीजन का पूरा सपोर्ट मिल रहा है।

ये चिन्हित ब्लैक स्पॉट

-महाराणा प्रताप चौक

-रोडवेज वर्कशॉप

-वर्कशाप निगम

-डालनवाला नियर प्रीतम रोड

-सालावाला नियर सिल्वर सिटी

-नेहरू ग्राम नियर किद्दूवाला

-धामावाला नियर गौरव होटल

-बल्लूपुर चौक

-निरंजनपुर नियर आईटीआई

-केदारपुर नियर दून विवि

-वसंत विहार, पंडितवाड़ी

-पटेलनगर, नियर मेन रोड

-मोथोरोवाला, नियर रेवले क्रॉसिंग

-डालनवाला लक्ष्मी रोड

-राजीव नगर

-विजय नगर सालावाला

-माजरा, मेन रोड

-अधोईवाला एमडीडीए पार्क

-नेशविला रोड

-डालनवाला गौरीशंकर मंदिर

-वाणी विहा नियर जैन प्लाट

-अधोईवाल सहस्रधारा क्रॉसिंग

-धोरण नियर ब्रिज

-सुभाष नियर ईदगाह

-नारी निकेतन दीपनगर

-एसटीपी प्लांट मोथोरोवाला

-सरस्वती विहार माता मंदिर

-अजबपुर राखी नर्सरी

-एसटीपी प्लांट इंदिरा नगर

जन जागरूकता पर भी जोर

नगर निगम प्रशासन के मुताबिक इन 28 चिन्हित स्थानों के अलावा पहले फेज में 84 स्थान चिन्हित किए गए थे। बहरहाल, दूसरे फेज में जिन 28 स्थानों को चिन्हित किया गया है। वहां पर तैनात निगम के कर्मचारी कूड़ा फेंकने वाले को अवेयर कर रहे हैं। कूड़ा न फेंकने और उसके दुष्परिणाम के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

कूड़ा कलेक्शन पर भी नजर

-डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन वाली गाडिय़ों पर नजर।

-1 दिन में गाडिय़ों को 2 से 3 चक्कर लगाने जरूरी।

-कूड़ा उठान के वक्त गली-मोहल्लों में ज्यादा देर तक रुकेंगी कूड़ा वाहन।

-किस इलाके में कौन और कितने देर तक रुकी गाडिय़ां, की जा रही हैं ट्रैक।

-राजधानी दून में 100 वार्डों में कई कंपनियों की 240 गाडिय़ों को कूड़ा उठान का जिम्मा।

-खामियां पाए जाने पर करीब 10 दिनों में 3 लाख से ज्यादा का चालान।

स्वच्छता सखी को जिम्मेदारी

नगर निगम ने स्वयं सहायता समूहों को खास जिम्मेदारी सौंपी है। नगर आयुक्त के निर्देशानुसार करीब 38 वार्डों में स्वयं सहायता समूहों को स्वच्छता सखी का जिम्मा सौंपा है। ये स्वच्छता सखी न केवल यूजर चार्ज की वसूली करेंगे, बल्कि कूड़ा वाहनों का भी फीड बैक नगर निगम को देंगे। इसके एवज में नगर निगम ने कुल यूजर चॉर्जर का करीब 20 परसेंट स्वच्छता सखियों को देने का पहले ही निर्णय ले लिया है। सहायक नगर आयुक्त शांति प्रसाद जोशी के अनुसार इसके बाद इसमें काफी परिवर्तन देखने को मिले हैं। बताया, स्वच्छता सखी के आर्डर नगर आयुक्त से करीब 6 दिन पहले ही दिए गए। इसके अलावा सखियों के पास वसूली और कूड़ा उठान में आ रही कमियों की रिपोर्ट देना भी शामिल है। बताया गया है कि स्वच्छता सखी के बेहतर परफॉर्मेंस को देखते हुए इनकी संख्या में इजाफा हो सकता है।

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