देहरादून (ब्यूरो)। हर किसी शहर का ट्रांसपोर्टनगर अपनी पहचान रखता है। दून स्थित ट्रांसपोर्टनगर को लेकर भी काफी उम्मीदें रहती हैं। आए दिन यहां हजारों-लाखों का कारोबार होता है। बताया गया है कि यहां प्रतिदिन करीब पांच सौ वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। लेकिन, दून के ट्रांसपोर्टनगर का हाल जुदा है। ये ट्रांसपोर्टनगर मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहा है। यह वाक्या कुछ दिनों से नहीं, बल्कि लंबे समय से चला आ रहा है। ट्रांसपोर्ट्स की सबसे बड़ी दिक्कत वर्तमान में मॉनसून को लेकर है। पिछले दिनों मामूली बारिश हुई तो हर तरफ कीचड़ ही कीचड़ नजर आने लगा। पानी की निकासी न होने के कारण इलाके में पानी के तालाब बने हुए हैं। स्ट्रीट लाइट न होने के कारण चोर रात में हाथ साफ भी कर रहे हैं। सुरक्षा के लिहाज से ट्रांसपोटर्स लंबे समय से सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की मांग कर रहे हैं।
ये हैं ट्रांसपोर्टनगर में प्रॉब्लम्स
-टूटी-फूटी सड़कें
-स्ट्रीट लाइट का अभाव
-बरसात में वाटर लॉगिंग की दिक्कत
-पार्किंग पर अतिक्रमण
-रोड पर बना दिए गोदाम
-रात में शराबियों का जमावड़ा
-हर तरफ कचरे का ढेर
-विभाग की अनदेखी।
-सड़कों पर बह रहा शौचालय का पानी
साढ़े पांच करोड़ से क्या हुआ
ट्रांसपोटर्स कुश कुमार चौधरी के मुताबिक जब से ट्रांसपोर्टनगर अस्तित्व में आया, उसके कुछ समय बाद ही यहां ट्रांसपोटर्स असुविधाओं की मार झेलने लगे। बताया कि वर्ष 2017 में बीजेपी शासनकाल में सरकार ने करीब साढ़े पांच करोड़ रुपए का आवंटन किया। जिसके जरिए मूलभूत सुविधाओं का समाधान किया जाना था। कुछ जगह नालियां जरूर बनी। अब ये नालियां पूरी तरह चोक हैं। सच्चाई ये है कि इस स्वीकृत धनराशि का कुछ भी असर जमीन पर नहीं दिखा। ट्रांसपोर्ट आरके यादव, राज किशोर, भाकियू दून के उपाध्यक्ष चमन कुमार, कप्तान वालिया, शिव कुमार व ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव राजेश अग्रवाल बताते हैं कि शौचालय के नाम पर भी औपचारिकताएं हैं। सीवर लाइन न होने के कारण शौचालयों का पानी नालियों में बह रहा है। बताया गया है कि ट्रांसपोर्टनगर में विधायक से लेकर मंत्री तक समस्याओं से निजात दिलाने के लिए भरोसा भी दे चुके हैं। जबकि, एमडीडीए से लेकर नगर निगम तक समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा जा चुका है। इसके बावजूद कोई असर नहीं हो रहा है।