-चार फरवरी को ट्रायल के लिए तैयार किया जाना था योग नगरी ऋषिकेश स्टेशन
-वीरभद्र स्टेशन का अंतिम निरीक्षण न होने से ऋषिकेश-रायवाला के बीच बढ़ सकता है क्लोजर
देहरादून
जनवरी के अंतिम सप्ताह में हुई बारिश ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का काम संभाल रहे रेल विकास निगम के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। बारिश के कारण परियोजना के पहले स्टेशन योग नगरी ऋषिकेश का काम तय समय पर पूरा होता नहीं दिख रहा। ऐसे में निगम लक्ष्य हासिल करने के लिए समय एक सप्ताह आगे बढ़ाने को मजबूर हो रहा है। साथ ही चार फरवरी से ऋषिकेश-रायवाला के बीच रेल यातायात शुरू होना भी संभव नहीं है।
चार दिसम्बर से है बंद
रेल विकास निगम ने कर्णप्रयाग रेल परियोजना के पहले स्टेशन योग नगरी ऋषिकेश को वीरभद्र स्टेशन से जोड़ने के लिए ऋषिकेश-रायवाला के बीच चार दिसंबर से तीन फरवरी तक क्लोजर लिया था। चार फरवरी से इस ट्रैक पर तय समय सारणी के मुताबिक ऋषिकेश से रेल सेवाओं का संचालन शुरू होना था। लेकिन, फिलहाल निगम लक्ष्य को प्राप्त करता नहीं दिख रहा। निगम ने चार फरवरी तक योग नगरी ऋषिकेश स्टेशन को रेल संचालन के लिए तैयार करने का लक्ष्य रखा था। इसके लिए यहां दिन-रात काम को अंजाम दिया जा रहा था। लेकिन, जनवरी अंतिम सप्ताह में तीन दिन लगातार हुई बारिश ने निर्माण कार्य को बुरी तरह प्रभावित कर दिया।
एक हफ्ता और लगेगा
रेल विकास निगम के परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि निर्माण स्थल पर दलदल और कीचड़ होने के कारण अभी निगम 95 प्रतिशत काम ही पूरा कर पाया है। शेष कार्य में अभी सप्ताहभर का समय और लग सकता है है। इधर, निगम ने वीरभद्र स्टेशन को भी पूरी तरह नए कलेवर में ढाल दिया है। अब यह स्टेशन भी सर्वे का हिस्सा होगा। काम पूरा होने के बाद कमिश्नर रेल सेफ्टी (सीआरएस) यहां अंतिम निरीक्षण कर रेल संचालन की अनुमति देंगे।
खुल जाएगी क्रॉसिंग
ऋषिकेश स्टेशन को वीरभद्र स्टेशन से जोड़ने के लिए हरिद्वार मार्ग को बाइपास से जोड़ने वाली क्रॉसिंग भी एक माह के लिए बंद कर दी गई थी। लेकिन, इसे भी अभी तक नहीं खोला जा सका। अब निगम ने यहां रेल लाइन बिछाने के साथ क्रॉ¨सग वाली सड़क पर भी टाइल्स बिछाने का काम पूरा कर लिया है। निगम अधिकारियों की मानें तो दो दिन के काम के बाद इस क्रॉ¨सग को आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा।
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हमने संचालन की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं, लेकिन अब बारिश के कारण यदि विलंब हो रहा है तो इसके लिए फिलहाल कोई गाइडलाइन हमें नहीं मिली है।
-आरएस मीणा
स्टेशन अधीक्षक, ऋषिकेश