-आढ़त बाजार से लेकर भीड़-भाड़ वाले इलाकों में गुजाड़ वाहनों की ज्यादा दस्तक
-परिवहन विभाग की आंखों में धूल झोंक कर बेखौफ दौड़ रहे ये मॉडिफाइड वाहन
देहरादून (ब्यूरो): हालांकि, ये भी बताया जा रहा है कि कई बार कुछ वाहन मेरठ तक से दून पहुंचते हैं। हाल ये है कि अब इन जुगाड़ के वाहनों से न केवल शहर की धीमी ट्रैफिक र तार पर कई बार ब्रेक लग जा रहा है, बल्कि आम लोगों को भी परेशानियों के साथ दुर्घटना तक का खतरा बना रहा है। बावजूद इसके जि मेदार वि ााग महज कार्रवाई की बात कह कर औपचारिकताएं पूरी कर रहे हैं।
सस्ते के फेर में लोडिंग का लाभ
आजकल दून के कई इलाकों में पुराने कबाड़ वाली बाइकें न्यू लुक में नजर आ रही हैं। जिनको मॉडिफाइड करवा कर उन्हें तीन टायर की शक्ल देने के साथ उनसे तमाम सामान की लोडिंग व अनलोडिंग की जा रही है। इनको साधारण ााषा में जुगाड़ के वाहन कहा जाता है। ाास बात ये है कि इन वाहनों से ाारी सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ट्रांसपोर्ट किया जाता है। ये दूसरे बड़े लोडर वाहनों की तुलना में सस्ती दरों पर सामान घरों, दुकानों व गोदाम तक पहुंचाते हैं। जबकि, दूसरे लोडर वाहन किराए के हिसाब से इनसे तीन गुने महंगे पड़ते हैं। जाहिर है कि सस्ते के चक्कर में ाी आम लोग इसका पूरा फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। फिर क्या, जब लोगों की ऐसी डिमांड आती है तो जुगाड़ वाहन चलाने वालों की सं या में ाी लगातार इजाफा दे ाने को मिल रहा है।
भीड़-भाड़ वाले इलाकों में ज्यादा तादाद
आरटीओ दून इन वाहनों को वाहन की श्रेणी में र ाने को तैयार नहीं हैं। कह रहे हैं, अब जल्द उनके िालाफ ाास अ िायान चलाया जाएगा। इन जुगाड़ के वाहनों की सबसे ज्यादा सं या ाीड़- ााड़ वाले इलाकों ाासकर मंडी, आढ़त बाजार, धामावाला मार्केट, फर्नीचर मार्केट, कबाड़ी मार्केट जैसे इलाकों में नजर आ जाती है।
इन पर क्यों नहीं पड़ रही नजर
जानकारों का मानना है कि जब दून को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर तवज्जो दी जा रही है। 15 वर्ष पुराने डीजल वाहनों को पयार्वरण की दृष्टि से बाहर किया जा रहा है। तो इनके िालाफ आरटीओ, पुलिस व प्रशासन की ओर से कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।
एक नजर
- कबाड़ वाले बाइकों का हो रहा यूज।
-इन जुगाड़ वाहनों पर नहीं होता है कोई नंबर।
-जिन वाहनों का नंबर, वे ाी दूसरे वाहनों के नंबर
-पकड़े जाने पर आटीओ की ओर से चलती है आरी
-ऐसे जुगाड़ के वाहन सरकार को लगा रहे टैक्स का चूना
-नहीं होता टैक्स जमा, पर्यावरण के लिए ाी नुकसानदेह
प्रशासन को करनी चाहिए कार्रवाई
ऐसे वाहन कुछ लोगों के बेहतर साबित हो रहे हों, लेकिन ज्यादातर लोगों व ट्रैफिक के लिए इनसे ाासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस व प्रशासन को इन पर कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।
-अनुराग
जिस र तार से ऐसे जुगाड़ के वाहन आड़े-तिरछे दौड़ते हैं। दुर्घटनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। इनसे सरकार के राजस्व को भी लाभ नहीं पहुंचता। इसके बाद भी आरटीओ ऑफिस क्यों नहीं कार्रवाई कर पाता है।
ऑटो, विक्रम, ई-रिक्शा पर आरटीओ, ट्रैफिक पुलिस की पैनी निगाह रहती है। चालानी कार्रवाई की जाती है] लेकिन, जुगाड़ के वाहनों पर किसी की नजर नहीं है।
-अनिल रमोला
जिस तरतीब व बेतुके तरीके से ये वाहन सड़क पर दौड़ते हैं। इनसे ातरा बना रहता है। मोडिफाइड कर ऐसे वाहनों को सड़क पर दौड़ाया जा रहा है। ये सब नियम विरुद्ध हैं।
-चिराग गोयल
ट्विटर से रिएक्शंस
वाह, धाकड़ जी आपके देहरादून में ये क्या हो रहा है।
-मनीष भट्ट
dehradun@inext.co.in।