देहरादून, (ब्यूरो): कहने को तो दून राजधानी है, लेकिन यहां सुविधाओं के नाम पर व्यवस्थाएं चौपट हैं। दिलचस्प बात यह है कि यहां पब्लिक को सार्वजनिक स्थानों पर पीने का पानी तक नसीब नहीं हो पा रहा है। इक्का दुक्का जगहों पर सार्वजनिक स्टैंड पोस्ट (टैंक) तो हैं, लेकिन इनकी हालत बहुत खराब है। इस पानी का क्लोरीनेशन तक नहीं हो रहा है। जल संस्थान से लेकर नगर निगम इनकी सुध लेने को तैयार नहीं है। हालांकि स्मार्ट सिटी ने कुछ पब्लिक प्लेसेज में जगहों पर स्मार्ट वाटर एटीएम लगाए हैं, लेकिन आम पब्लिक को इसकी जानकारी नहीं है। कुल मिलाकर सार्वजनिक स्थलों पर पब्लिक स्वच्छ पानी के लिए तरस रही है। दैनिक जागरण आईनेक्ट की पड़ताल में इसकी हकीकत सामने आई है।
पीने लायक नहीं पानी
दून सिटी धीरे-धीरे स्मार्ट हो रही है, लेकिन इसके बावजूद कुछ चीजों पर कतई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सार्वजनिक स्थानों पर पब्लिक को मिल रहे पानी को लेकर दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की ओर से रियलिटी चेक किया गया, तो सामने आया कि सार्वजनिक जगहों पर पहले तो पीने के पानी व्यवस्था नहीं है, जहां है भी वहां का पानी पीने लायक नहीं है।
600 से अधिक मिला टीडीएस
दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की टीम ने त्यागी रोग स्थित सार्वजनिक स्टैंड पोस्ट का रियलिटी चेक किया। यहां पर चारों तरफ गंदगी है। चारों तरफ मक्खियां भिनभिना रही हैं। चकरा जमा होने से बदबू भी आ रही है। यहां पर जो पानी पिया जा रहा है उसमें जांच की गई, तो पता चला कि इस पानी का टीडीएस 584 है, जो मानकों से कही अधिक है। इसी तरह चंद्र नगर में पोस्टमार्टम हाउस के पास लगे स्टैंड पोस्ट की जांच में पता चला कि यहां भी टीडीएस की मात्रा 531 मिली। इसी तरह दूसरे स्थानों पर भी पानी में हार्डनेस की मात्रा ज्यादा पाई गई, तो कहीं पानी दूषित मिला। कुछ जगहों पर प्याऊ लगाए गए हैं, इनके आस-पास भी साफ-सफाई की कमी देखी गई है।
गंदगी से पटे पेयजल टैंक
सार्वजनिक स्थानों पर पिलाए जा रहे पानी को लेकर न तो जल संस्थान ध्यान देता है और न ही नगर निगम ही। वर्षों पहले बनाए गए ये सार्वजनिक जर्जर हो चुके हैं। इनके चारों तरफ घास और काई जमी हुई है। यहां पर आकर प्यास बुझाने वालों को नहीं पता कि यह पानी उनके लिए कितना हानिकारक हो सकता है। इसकी कोई इनकी सुध लेने वाला नहीं है। कई बार पानी की लाइन लीकेज होने पर गंदे पानी की मिलावट पर पानी प्रदूषित हो जाता है। इस पानी दूषित से बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
यहां पर हैं पब्लिक स्टैंड पोस्ट
- त्यागी रोड
- चंद्र रोड
- ओल्ड मसूरी रोड
- कांवली
- गोविंदगढ़
- राजपुर रोड जाखन
- रायपुर रोड
- राजेंद्र नगर
- जीएमएस रोड
- धर्मपुर
- कचहरी रोड
- मोहकमपुर
- कुआंवाला
टीडीएस लेवल चार्ज फॉर ड्रिंकिंग वाटर
टीडीएस इन वाटर (मेजर्ड इन पीपीएम) सस्टेनेबिलिटी फॉर ड्रिंकिंग वाटर
बिटवीन 50-150 एक्सिलेंट फॉर ड्रिंकिंग
150-250 गुड
250-300 फेयर
300-500 पुअर, नॉट गुड फॉर ड्रिंकिंग
1200 तक अनएक्सेेप्टेबल
दूषित पानी से बीमारियों का खतरा
- डाइजेशन सिस्टम कमजोर होता है
- गैस्ट्रिटिस, अल्सर और न्यूट्रीशन में कमी
- आंतों से जुड़ी कई तरह की बीमारियां
- पेट दर्द, पेचिस, हैजा, हेपेटाइटिस जैसी बीमारियां
हम शहर में लगातार पानी की सैंपलिंग करते रहते हैं। हमने भी कई जगहों पर सार्वजनिक जगहों पर पिलाए जा रहे पानी की टेस्टिंग की तो इसमें टीडीएस की मात्रा अधिक पाई गई। इसके कई कारण है। प्रॉपर क्लोरीनेशन न होने से यह पानी प्रदूषित हो रहा है।
डॉ। बीएम शर्मा, जल वैज्ञानिक
जब से ये टैंक बनाए गए हैं इनकी कोई सुध नहीं लेता है। हम कई सालों से देख रहे हैं। त्यागी रोड पर बने स्टैंड पोस्ट में गंदगी भरी पड़ी है। न तो नगर निगम इसके आस-पास की सफाई की सुध लेता है। पूरा व्यवस्था भगवान भरोसे छोड़ दी गई है।
आरएस पंवार
चंदर रोड पर 10 साल पहले स्टैंड पोस्ट लगाया गया। इसके बाद इसकी किसी ने सुध नहीं ली। यह जर्जर हाल में पड़ा हुआ है। लोग यहां पानी पीकर प्यास तो बुझाते हैं, लेकिन कई बार लाइन में लीकेज आदि से पानी दूषित होने पर लोग बीमारी की चपेट में भी आते हैं।
संजय बहुगुणा
सार्वजनिक जगहों पर स्वच्छ पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। राजधानी में वाटर एटीएम सही है, लेकिन इनके प्रयोग के लिए आम लोगों को जागरूक किया जाना भी अति आवश्यक है। इस पर सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए।
रोहित कुमार
सार्वजनिक स्टैंड पोस्ट की व्यवस्था काफी पुरानी थी। सार्वजनिक जगहों पर बने स्टैंड पोस्ट में दूषित पानी का मामला संज्ञान में नहीं है। यदि कहीं ऐसा है, तो इसे तत्काल दिखाकर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।
राजीव सैनी, एसई, जल संस्थान, देहरादून
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