-प्रिंटेड, ट्रेडिशनल व मैटल राखियां पसंद कर रही हैं महिलाएं
देहरादून,
भाई व बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन के अब चंद घंटे शेष रह गए हैं। लेकिन, इस बार कोरोनाकाल से उबरने के बाद भाई व बहनें त्योहार को लेकर खासा उत्साहित हैं। कई बहनें अपने भाइयों को ऑनलाइन राखियां भेज चुकी हैं तो कुछ भाई के कलाइयों पर राखी बांधने की तैयारी कर चुके हैं। त्योहार को लेकर महिलाओं में कोरोना से बचाव के लिए संदेश दिए जाने की कोशिश है। जिससे संक्रमण का खतरा न हो सके। इधर, बाजारों में इस बार स्पेशल प्रिंटेड, फोटो प्रिंटिंग, मैटल व ट्रेडिशनल राखियां ज्यादा पसंद की जा रही हैं।
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कोरोनाकाल के बाद अब पहली बार राशी जैसे फेस्टिव को मनाने का मौका मिल रहा है। लेकिन, एहतियातन कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए ई-राखी पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है।
सलोनी डोवल, असिस्टेंड प्रोफेसर।
हमारी कोशिश है कि इस बार कोविड से सामने होने के बाद सेफ्टी के साथ रक्षा बंधन फेस्टिवल मनाया जाए। संक्रमण को देखते हुए पैक्ड मैटेरियल पर भी फोकस रहे। जिसका संक्रमण का खतरा न हो।
आंचल पाल, फार्मा प्रोफेशनलिस्ट।
राखी त्योहार पर हमारी कोशिश रहेगी कि ट्रेडिशनल कल्चर को बढ़ावा मिले। जिससे अपनी कला संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिल सके। तैयारियां पूरी हैं। घर में ही फेस्टिवल को सेलिब्रेट किया जाएगा। ऐसे फेस्टिव पूरी फैमिली को आपस में जोड़ता है।
रीतिका पुरी, असिस्टेंड प्रोफेसर।
कोरोनाकाल में कोरोना के पैनिक माहौल से उबरने के बाद रक्षा बंधन जैसे त्योहार के मनाने का अवसर मिल रहा है। कोशिश रहेगी जिन्होंने से कोरोनाकाल में अपने भाई या बहन को खोया हो, उनके बीच त्योहार की खुशियां बांटी जा सके। जिससे वे अकेला महसूस न कर सकें।
हिमानी शर्मा, स्टूडेंट।