देहरादून, ब्यूरो:
दिल्ली में डीजल वाहनों की एंट्री पर रोक 1 अक्टूबर से होगी। इसका करण दिल्ली में वाहनों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए 1 अक्टूबर से मध्यम व भारी मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध होगा। इनमें कॉमर्शियल वाहन भी शामिल होंगे।
कई बार टेंडर लेकिन, ऑपरेटरों की रुचि नहीं
दिल्ली के लिए बसों का संचालन जारी रखने के लिए रोडवेज कई मशक्कत कर चुका हैं। कई बार सीएनजी बसों, यूरो-6 बसों और सीएनजी किट लगाने तक के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए। लेकिन, किसी भी कंपनी ने अधिक रुचि नहीं दिखाई। कई बार टेंडर निकालने के बाद भी कंपनी नहीं पहुंची। जिसके बाद रोडवेज ने करीब 150 बसें खरीदने को लेकर मन बनाया है।
यह भी आ रही समस्या
बता दें कि रोडवेज के पास अधिकतर अनुबंधित बसें है। इनमें 50 सीटर बस के लिए रोडवेज 9.35 रुपये प्रति किमी, 41 सीटर बस के लिए 8.97 रुपये, 32 सीटर बस के लिए 8.65 रुपये प्रति किलोमीटर लेता है। जबकि सीएनजी बसों के लिए रोडवेज 11 से 12 रुपये प्रति किमी का रेट तय करना चाहता है। जबकि बस ऑपरेटर 15 रुपये प्रति किमी की डिमांड कर रहे हैं। इसलिए टेंडर में सिर्फ 50 बसों के स्वामी ही रुचि ले रहे हैं, जबकि रोडवेज को 200 बसों की जरूरत है। 15 दिन में सीएनजी बसों के लिए अनुबंध कर पाना रोडवेज के लिए चुनौती बन गया है। जबकि दिल्ली के लिए रोडवेज रोजाना 450-500 बसों का संचालन करता है। ऐसे में रोडवेज को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता हैं।
बस ऑपरेटर को सता रहा डर
रोडवेज पर अनुबंधित बसों का करोड़ों रुपये का बकाया है। रोडवेज के साथ कई ऑपरेटर जुड़े हंै। जिनका 1 करोड़ से ज्यादा का बकाया रोडवेज के पास हैं। भुगतान में देरी होने से प्राइवेट बस ऑपरेटर रोडवेज में बसें लगाने से हिचक रहेें। 200 बसों की निविदा निकालने पर केवल 70 ही बसें रोडवेज को मिली थी, जिससे रोडवेज का बेड़ा घटता जा रहा हंै। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रोडवेज इन दिनों करीब 75 करोड़ रुपये के घाटे में है।
रोडवेज के बेडे में शामिल बसें
कुल बसें- 1390
रोडवेज की बसें- 950
अनुबंधित बसें- 340 (सीएनजी भी शामिल)
वॉल्वो, एसी बसें- 52
सीएनजी बसें -13
रोडवेज के पास यूरो-4 बसें
रोडवेज के पास अनुबंधित बसों को छोड़कर सभी बसें यूरो-4 है। ऐसे में यूरो-6 बसों के लिए रोडवेज को नए टेंडर डालने होंगे। जबकि 2019 में ही रोडवेज में 300 नई बसें खरीदी थी। यह सभी बसें यूरो-4 की थी। जिस पर रोडवेज के उच्च अधिकारियों ने आपत्ति जताई थी।
हमारी ओर से सीएनजी व यूरो-6 बसों की खरीद के लिए टेंडर डाले गए। लेकिन, कंपनी के रेट ज्यादा होने के कारण बात नहीं बन पाई। लेकिन, कोशिश की जाएगी कि 1 अक्टूबर से दिल्ली जाने वाले पैसेंजर को परेशानी न हो, कुछ इंतजाम किया जाएगा।चंदन रामदास, परिवहन मंत्री उत्तराखंड
DEHRADUN.inextl.co.in