- मोहनपुर में करीब दो साल पहले निर्मित बिल्डिंग में कंट्रोल रूम नहीं हुआ शुरू
- क्षेत्र की तकरीबन सवा लाख की आबादी को उठानी पड़ रही परेशानी
देहरादून, ब्यूरो: जिम्मेदार अधिकारी केंद्र की नई आरडीएसएस स्कीम में कंट्रोल पैनल खरीद करने की प्रक्रिया गतिमान बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि जब बिल्डिंग बननी शुरू हुई, तो तब पैनल खरीद की कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की गई।
सीलन भरीं दीवारें
बता दें कि मोहनपुर प्रेमनगर में बना पुराना कंट्रोल रूम जर्जर स्थिति में पहुंच गया था। पूर्व प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने कंट्रोल रूम की नई बिल्डिंग बनाने की स्वीकृति दी। इसके लिए 36 लाख रुपये की धनराशि मंजूर की गई। दो साल से बिल्डिंग के बंद कमरों की दीवारें सीलन मार रही है। खिड़की-दरवाजों को भी दीमक चाटने लगी है। ऐसा ही रहा तो दीवारों से प्लास्टर झडऩे लगेगा।
दो साल में पैनल खरीद न होना घोर लापरवाही
सोशल एक्टिविस्ट बीरू बिष्ट ने मांग की है कि कंट्रोल रूम की नई बिल्डिंग का इस्तेमाल किया जाए, ताकि बिल्डिंग खंडहर होने से बच सके। उन्होंने निगम से पैनल खरीद के लिए एस्टीमेट की स्वीकृति में आ रही दिक्कतों की स्थिति स्पष्ट करने को आरटीआई में जवाब मांगा है। उनका कहना है कि 6 पैनलों की स्वीकृति की बात पूर्व एक्सईएन सुधीर कुमार ने काफी पहले बताई थी, लेकिन वर्तमान एक्सईएन मोहन मित्तल ने आरटीआई के जवाब में सूचना शून्य बताई है। उनका कहना है कि इसमें कहीं न कहीं झोल है। पैनल मामले की जांच कर उच्चाधिकारियों को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
लापरवाही के लिए कार्रवाई की मांग
मोहनपुर सब डिवीजन में बने नए कंट्रोल रूम चालू करने को लेकर अधिकारी जलेबी बना रहे हैं। बिल्डिंग तो दो साल पहले तैयार हो गई, लेकिन कंट्रोल रूम के पैनलों की खरीद अभी तक नहीं हुई, इसके लिए कौन जिम्मेदार है। सरकार का पैसा बर्बाद न हो और पब्लिक को इसका सीधा लाभ मिले। इसके लिए पैनल खरीद में हुई देरी के लिए जिम्मेदारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
इन 6 फीडरों को मिलना है इसका लाभ
श्यामपुर
प्रेमनगर
अम्बीवाला
झाझरा
पौंधा
शिवालिक
मोहनपुर कंट्रोल रूम की लगे सभी 6 पैनल बहुत पुराने हो गए हैं, जिससे बार-बार लाइन ट्रिपिंग के साथ ही कई बार शटडाउन के लिए लाइन होल्ड नहीं हो पाती है। बार-बार लाइन स्लिप की समस्या भी आ रही है। आए दिन ओवर लोड होने से लाइन ब्लास्ट हो रही है। इसलिए पुराने पैनलों को बदलने के साथ ही नई बिल्डिंग बनाने का निर्णय लिया गया है, ताकि पब्लिक को निर्बाध रूप से बिजली मुहैया हो सके, लेकिन इसका लाभ फिलहाल पब्लिक को नहीं मिल पा रहा है।
केंद्र सरकार आरडीएसएस स्कीम के तहत पैनल लगाने प्रस्तावित हैं। पैनल खरीद को टेंडर की कार्रवाई चल रही है। जल्द ही नए कंट्रोल रूम में पैनल स्थिापित किए जाएंगे।
अमित शर्मा, अधीक्षण अभियंता (ग्रामीण), यूपीसीएल, देहरादून