- रेलवे स्टेशन में सैंपलिंग के नाम पर बस खानापूर्ति, बैक डोर से खिसक रहे पैसेंजर
- कुछ जगह सैंपलिंग पर जोर, लेकिन कहीं लापरवाही
देहरादून,
कोरोना की थर्ड वेव को लेकर हेल्थ डिपार्टमेंट अलर्ट होने का दावा कर रहा है। कुछ प्वॉइंट्स पर सैंपलिंग बढ़ाई गई है। लेकिन, सिटी के एंट्री प्वॉइंट्स पर ये अलर्टनेस दिखाई नहीं दे रही। नआशारोड़ी चेक पोस्ट और दून रेलवे स्टेशन में पैसेंजर्स की सैंपलिंग को लेकर लापरवाही देखी जा रही है। यहां पहुंचने वाले पैसेंजर्स की खानापूर्ति के लिए ही सैंपलिंग की जा रही है। वहीं आईएसबीटी में भी अलग-अलग राज्यों की रोडवज बसें बाहर ही पैसेंजर्स को उतार देती हैं। वे अंदर दाखिल नहीं होते और सैंपलिंग से बच जाते हैं। ये लापरवाही घातक साबित हो सकती है।
चेक पोस्ट पर खानापूर्ति
आशारोड़ी बॉर्डर चेक पोस्ट पर बाहर से आने वालों की सैंपलिंग नहीं हो पा रही। बाहर से आने वाली गाडि़यों को रैंडमली रोका जाता है, लेकिन अधिकांश बिना रोक-टोक, जांच पड़ताल के ही चेक पोस्ट से गुजर जाते हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब इस मामले की पड़ताल की तो हकीकत सामने आई।
रेलवे स्टेशन में भी लापरवाही
दून रेलवे स्टेशन में कोरोना गाइडलाइन के तहत सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है। यहां अन्य राज्यों से पहुंचे लोगों को बिना जांच के ही रवाना किया जा रहा है। आलम यह है कि सैंपलिंग से बचने के लिए लोग पीछे के रास्ते से निकल रहे हैं, जिन पर निगरानी करने वाला कोई नहीं है।
रोजाना एवरेज 5000 पैसेंजर्स
दून रेलवे स्टेशन में रोजाना 12-13 गाड़ी पहुंचती हैं। इन गाडि़यों में करीबी 4500 से लेकर 5000 तक पैसेजर पहुंचते हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार यहां पहुंचने वाले पैसेंजर जिनकी वैक्सीन की दोनों डोज लगी हो या जिनके आरटीपीसीआर की रिपोर्ट नेगेटिव हो उन व्यक्तियों के कोविड की जांच नहीं होती है। इसके अलावा जिनके पास यह दोनों नहीं होते उनकी जांच की जा रही है। जिससे यहां रोजाना की जांच 1200 से लेकर 1400 तक रहती है।
यहां सैंपलिंग का दावा
आशा रोड़ी चैक पोस्ट
आईएसबीटी
कुल्हाल बार्डर
रेलवे स्टेशन
दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल
कोरोनेशन हॉस्पिटल
सीएचसी व पीएचसी सेंटर
रेलवे स्टेशन में हुए इतने टेस्ट
23 अगस्त - 1059
24 अगस्त 1484
25 अगस्त - 1184
26 अगस्त - 1580
27 अगस्त - 1315
28 अगस्त - 1440
29 अगस्त - 1244
30 अगस्त - 1158
आशारोड़ी चैक पोस्ट पर जांच
23 अगस्त - 169
24 अगस्त - 228
25 अगस्त - 189
26 अगस्त - 233
27 अगस्त - 278
28 अगस्त - 220
29 अगस्त - 129
30 अगस्त - 129
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हमारी टीम लगातार एनाउंसमेंट कर लोगों को रोकती है। यह प्रोसेस हर सैंपलिंग सेंटर में होती है। लेकिन कई गाडि़यां तेजी से निकल जाती हैं। इन गाडि़यों को रोकने वाला कोई नहीं होता है। इससे हमारे लिए सैंपलिंग करना मुश्किल हो जाता हैं।
- अभिषेक, लैब संचालक
चैक पोस्ट पर गाड़ी को रोकना स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी नहीं होती है। जो कुछ गाड़ी रुक जाती है। उनकी सैंपलिंग की जा रही है। यहां हमें पुलिस प्रशासन के सहयोग की आवश्यकता पड़ती है। जिससे हम लोगों को रोककर सैंपलिंग कर सकें।
- डॉ मनोज उप्रेती , सीएमओ देहरादून