देहरादून(ब्यूरो) इंदिरा मार्केट रि-डेवलपमेंट कार्य की भौतिक प्रगति देखने के लिए फ्राइडे को इंस्पेक्शन किया गया, जिसमें एमडीडीए और प्रोजेक्ट कार्य से संबंधित अधिकारियों को मौजूद रहना था। विधायक ने कहा कि जब वह पहुंचे तो कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं था। उन्होंने इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि पूर्व में लिखित के साथ दूरभाष पर अवगत कराने के बाद भी इंस्पेक्शन कार्य को गंभीरता से नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि वह मामले को लेकर सीएम और शहरी विकास मंत्री से संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की बात करेंगे। यह कहकर वह निरीक्षण और समीक्षा बैठक स्थगित कर चले गए। हालांकि इस दौरान एमडीडीए के अधिशासी अभियंता सुनील कुमार मौजूद रहे।

व्यापारी हो रहे परेशान
विधायक का कहना है कि कॉम्प्लेक्स का निर्माण धीमी गति से होने से व्यापारियों में भी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि व्यापारी लगातार जल्द से जल्द कॉम्प्लेक्स निर्माण के लिए दबाव बना रहे है, लेकिन ग्राउंड पर प्रगति शून्य है। उन्होंने कहा कि यदि हालात यही रहे तो प्रोजेक्ट अगले 10 साल तक भी पूरा नहीं हो पाएगा।

पीपी मोड में दिया गया है प्रोजेक्ट
इंदिरा मार्केट टैक्सी स्टैंड की नजूल भूमि 16558 वर्ग मीटर पर अव्यवस्थित बाजार है। इस बाजार को व्यवस्थित करने के लिए एमडीडीए प्रभावित व्यापारियों के लिए पीपीपी मोड के तहत इस प्रोजेक्ट का निर्माण कर रहा है। इससे करीब 400 व्यापारी लाभान्वित होंगे। एमडीडीए के अफसरों ने बताया कि परियोजना के तहत व्यापारियों को दुकानों के आवंटन के साथ ही लिफ्ट, शौचालय, पार्किंग, ग्रीन एरिया और अन्य आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।

मिलेगी 1050 कार पार्किंग की सुविधा
उन्होंने बताया कि निर्मित किए जा रहे इंदिरा मार्केट रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट में 1050 कार एक साथ पार्क होने की सुविधा मिलेगी। इसके बाद मार्केट में कार से शॉपिंग के लिए जा सकेंगे। वर्तमान में इस मार्केट में दोपहिया वाहन बमुश्किल निकल पाता है। पूरे प्रोजेक्ट की लागत 242.32 करोड़ है।

कॉम्प्लेक्स में बनेंगी 655 दुकानें
एमडीडीए के अधिशासी अभियंता सुनील कुमार ने बताया कि रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को पीपीपी मोड में दिया गया है। बताया कि परियोजना के तहत 655 दुकानें प्रस्तावित हैं। जिन्हें व्यापारियों को अलॉट किया जाएगा। प्रोजेक्ट में इंदिरा मार्केट के साथ टैक्सी स्टैंड को शामिल किया गया है, जिसके बाद कंस्ट्रक्शन एरिया 16558 स्क्वायर मीटर तक पहुंच रहा है। पूर्व में दुकानदारों द्वारा दुकानें खाली न कराने से प्रोजेक्ट का काम लेट शुरू हुआ। बरसात के चलते चार माह कार्य बंद रहा। प्रोजेक्ट का कार्य रात्रि को किया जा रहा है।

प्रोजेक्ट पर एक नजर
242 करोड़ है प्रोजेक्ट की लागत
1050 वाहनों की पार्किंग की सुविधा
2023 में शुरू हुआ निर्माण कार्य
2026 फरवरी तक प्रोजेक्ट होना है पूरा
655 दुकानें होंगी निर्मित
400 व्यापारी होंगे लाभान्वित

कॉम्प्लेक्स का कार्य बहुत ही धीमी गति से चल रहा है। कार्य शुरू हुए करीब एक साल होने को है, लेकिन अभी तक नींव तक नहीं खोदी जा सकी। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। अब इस संबंध में सीएम और शहरी विकास मंत्री से बात कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाएगा।
खजान दास, विधायक, राजपुर विधानसभा क्षेत्र

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