-सरकारी विभागों की ओर से ठोस कदम न उठाए जाने पर बैनर व पोस्टर चस्पा करने वालों के हौसले बुलंद

देहरादून, 22 नवम्बर ब्यूरो: दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से पिछले कई दिनों से शहर के तमाम इलाकों में पब्लिक प्रॉपर्टी पर बैनर, पोस्टर चस्पा करने वालों के खिलाफ स्पेशल अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान का नाम 'ये पब्लिक प्रॉपर्टी है' दिया गया है। इस अभियान में पब्लिक का पूरा सपोर्ट मिल रहा है। लेकिन, नगर निगम प्रशासन है कि इसको लेकर वह पूरी तरह लापरवाह व बेपरवाह नजर आ रहा है। इसीलिए तो निगम प्रशासन ऐसे आरोपियों को केवल नोटिस देकर इतिश्री कर रहा है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नगर निगम ने इस साल अब तक करीब 150 लोगों को शहर के तमाम इलाकों में पब्लिक प्रॉपर्टी पर बैनर पोस्टर चस्पा करने के एवज में नोटिस जारी किए हैं। जबकि, उनके खिलाफ न तो कोई सख्त कार्रवाई की गई है और न ही उन पर जुर्माना ठोका गया है। कम से कम नगर निगम के आंकड़े तो इस बात की गवाही दे रहे हैं।

क्या कहता है कानून
उत्तराखंड लोक संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम, 2003 के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। एक्ट के उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को एक वर्ष तक कारावास हो सकता है। इसके अलावा 10 हजार जुर्माने का भी दंड का प्रावधान है।

इस तरह से जगह-जगह पोस्टर्स और स्टीकर्स लगाने से हमारा शहर गंदा हो रहा है। इसमें ज्यादातर स्टूडेंट्स विंग आगे रहते हैं। जैसे ये लोग इलेक्शन के टाइम पोस्टर और स्टीकर लागाते हैं। वैसे ही इन पोस्टर व बैनर्स को तत्काल हटा दिया जाना चाहिए।
-रजत शेखर

ज्यादातर पोस्टर लगाने में छात्र संगठन आगे रहते हैं। इनके कॉलेज वालों को इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए कानून बनाना चाहिए। उल्लंघन पर उसके अनुसार ही उनके खिलाफ कार्रवाई भी होनी चाहिए। तभी इसमें सुधार आ पाएगा।
-कुलदीप गुसांई

एक ओर जहां कोचिंग इंस्टीट्यूट वाले स्टूडेंट्स को एजुकेशन देने की बात कर रहे हैं। वहीं, इन कोचिंग इंस्टीट्यूट की ओर से तमाम इलाकों में बैनर और पोस्टर्स भी चस्पा किए जा रहे हैं। ऐसे इंस्टीट्यूट को पहले निगम प्रशासन से अनुमति लेनी चाहिए।
-डॉ। महेश राणा


नगर निगम को इस पर सख्त एक्शन लेना चाहिए। अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाने वाले दून को ऐसे लोगों गंदा करके रख दिया है। बाहर से टूरिस्ट आते हैं। जब वो ये सब देखते हैं तो हमारे दूसरे शहरों तक दून की इस छवि को लेकर जाते हैं।
-रोहित रावत
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