देहरादून (ब्यूरो) एमडीडीए आईएसबीटी में अपने हाउसिंग प्रोजेक्ट के पीछे खाली पड़ी जमीन पर नर्सरी उगाने की तैयारी कर रहा है। अभी इस जगह पर कबाडिय़ों का अड्डा है, जिससे यहां पर गंदगी है। इन कबाडिय़ों को यहां से हटाया जाएगा। यह जमीन 16 हजार स्क्वायर मीटर यानि 22 बीघा के लगभग बताई जा रही है।
फूलों व फलदार पौध उगाएंगे
एमडीडीए की नर्सरी में फूलों के साथ ही विभिन्न प्रकार के फलदार पौध उगाई जाएंगे। इन पौधों को दून की सड़कों के किनारे, डिवाइडरों के बीच और खाली भूमि पर रोपा जाएगा। आम, लीची और जामुन सरीखे पौधों के अलावा छायादार पौधे भी जगह-जगह रोपे जाएंगे।
टारगेट के 80 परसेंट पौधे रोपे
एमडीडीए ने शहर को हरा-भरा बनाने के लिए बरसात के मौसम में एक लाख पौधे रोपने का टारगेट रखा है। उसमें से अभी तक 80 परसेंट पौधे रोपे जा चुके हैं। एमडीडीए के मुख्य उद्यान अधिकारी एआर जोशी ने बताया कि हरेला पर्व के तहत पूरे बरसाती सीजन में शहर के अलग-अलग हिस्सों में एक लाख छायादार, फलदार और अन्य प्रजाति के पौधे रोपे जाने का टारगेट है, जिसमें से अब 80 परसेंट यानि 80 हजार पौधे रोपे गए हैं। ईस्ट कैनाल रोड के दोनों ओर जहां जामुन के पौधे वहीं अन्य सड़कों के किनारे आम, लीची के साथ ही जामुन आदि प्रजाति के पौधे रोपे जा रहे हैं। खास बात यह है कि जिन ठेकेदारों के साथ पौधारोपण के अनुबंध किए गए हैं, उन्हें एक साल तक पौधों के रखरखाव की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। इसके अलावा इस बार बिल्डरों को अलग-अलग सड़कों पर पौधरोपण के साथ ही पौध संरक्षण का भी दायित्व सौंपा गया है।
नहीं रहना पड़ेगा ठेकेदारों पर निर्भर
एमडीडीए वीसी बंशीधर तिवारी ने कहा कि अपनी नर्सरी होने पर प्राधिकरण को किसी पर निर्भरता नहीं रहेगी। कई बार कुछ पौध की आवश्यकता के लिए टेंडर का मुंह ताकना पड़ता है। लेकिन अपनी नर्सरी होने पर 24 घंटे पौधे उपलब्ध हो सकेंगे। खास बात यह है कि यहां से दूसरे विभाग भी पौधे ले सकेंगे। वीसी ने अफसरों को निर्देश दिए कि जल्द से जल्द नर्सरी शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
दून में पुरानी हरियाली लौटाने के लिए अलग-अलग योजनाएं शुरू की गई है। शहर भर में एक लाख फलदार व छायादार पौधरोपण के टारगेट के साथ ही संरक्षण का दायित्व सौंपा गया है। प्राधिकरण जल्द ही अपनी नर्सरी बनाकर उम्दा किस्म के पौध तैयार करेगा।
बंशीधर तिवारी, उपाध्यक्ष, एमडीडीए
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