देहरादून, 7 जनवरी (ब्यूरो)।
राजपुर रोड स्थित रिलायंस ज्वेल्स में डकैती का मास्टरमाइंड दून पुलिस ने बिहार से अरेस्ट किया। शातिर आरोपी ने जेल में बैठकर डकैती का प्लान बनाया था और वारदात को अंजाम देने के लिए बदमाशों को टास्क दिए थे। दून पुलिस आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर दून लाएगी और फरार चल रहे दो बदमाशों और गहनों के बारे में आरोपी से पूछताछ करेगी।
यह था पूरा मामला
जिस दिन डकैती की घटना को अंजाम दिया गया, उस दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी राज्य स्थापना दिवस को लेकर देहरादून में मौजूद थी। घटना का लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी जवाब तलब किया। घटना के बाद से ही दून पुलिस बदमाशों के पीछे लग गई और दूसरे ही दिन बदमाशों की ओर से इस्तेमाल किए गए वाहनों को बरामद कर लिया।
जेल में था आरोपी
घटना के बाद से ही एसएसपी अजय ङ्क्षसह ने कई टीमों को विभिन्न राज्यों के लिए रवाना कर दिया, जिसके बाद पुलिस टीमों ने अलग-अलग राज्यों से अब नौ बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए पूछताछ में सामने आया कि डकैती की घटना की पटकथा देश के कई राज्यों में करोड़ों की डकैती डालने वाले शशांक ङ्क्षसह उर्फ सोनू राजपूत निवासी ग्राम सोनापुर थाना सिमरी बख्तियारपुर जिला सहरसा बिहार ने बदमाश सुबोध के साथ मिलकर लिखी थी।शशांक की जेल से इंटरनेट के माध्यम से बदमाशों से बात होती थी और उसने अलग-अलग बदमाशों को डकैती की घटना के लिए पूरी योजनाबद्ध तरीके से टास्क दिए। आरोपित जेल में होने के कारण पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई।
जमानत मिलते ही दबोच लिया
कई अपराधिक घटनाओं में शामिल शशांक पटना की बेऊर जेल में बंद था। दून पुलिस की एक टीम लगातार उसके बारे में जानकारी जुटाने में लगी हुई थी। बताया जा रहा है कि आरोपित दो दिन पहले ही जमानत पर बाहर आया और भागने की फिराक में था, जिसे एसएसआइ कोतवाली प्रदीप रावत और चौकी इंचार्ज हाथीबड़कला आशीष रावत ने टीम सहित शनिवार रात को बेयूर थाना एरिया से गिरफ्तार कर लिया। दून पुलिस ने उसे पटना न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे तीन दिन के ट्रांजिट रिमांड भेजा गया। पुलिस आरोपित को देहरादून लेकर आ रही है।
2016 में भी की करोड़ों की डकैती
पूछताछ में शशांक ने बताया कि उसने सुबोध ङ्क्षसह के साथ मिलकर वर्ष 2016 में बैरकपुर बंगाल में मणिपुरम गोल्ड शॉप में करीब 28 किलो सोने की डकैती डाली। इसके बाद वर्ष 2017 में आसनसोल बंगाल में मुथूट फाइनेंस ब्रांच में करीब 55 किलो सोने की डकैती साथ में मिलकर करी थी। इन दोनों घटनाओं के बाद शशांक अलग से जेल से अपना गैंग संचालन करने लगा।
असलहा कराया था उपलब्ध
पुलिस की मानें तो शशांक लंबे समय से जेल में बंद था, लेकिन उसका नेटवर्क हर तरफ चलता था। आरोपित फोन के माध्यम से ही अपने गुर्गों को हथियार भी उपलब्ध करवाता था। देहरादून के रिलायंस शोरूम में डकैती के दौरान बदमाशों ने जो हथियार दिखाए वह भी शशांक ने ही उपलब्ध कराए थे। इसके अलावा उसी के कहने पर वाहन व अन्य सामान बदमाशों तक पहुंचे।
खुद ही बिहार पहुंच गए एसएसपी
एसएसपी को दो दिन पहले ही सूचना मिली थी कि घटना का मास्टरमाइंड शशांक जमानत पर किसी भी समय बाहर आ सकता है, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी संभव है। इसकी सूचना पाते ही एसएसपी अजय ङ्क्षसह ने खुद ही बिहार पहुंच गए। बिहार में पुलिस टीमें तैनात थी, लेकिन पुलिस व अन्य अधिकारियों से समन्वय बनच्ने के लिए उच्चाधिकारी का वहां होना जरूरी था। जिसके चलते एसएसपी बिहार गए, और सटीक रणनीति के चलते आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
अब तक इतने गिरफ्तार
- ङ्क्षप्रस कुमार निवासी ग्राम पानापुर दिलावर पुर, वैशाली बिहार
- अखिलेश कुमार उर्फ गांधी निवासी ग्राम बसंतपुर पोस्ट मथुरापुर, सीतामढी, बिहार
- विक्रम कुमार कुशवाहा निवासी ग्राम पानापुर दिलावरपुर, वैशाली बिहार
- कुंदन कुमार निवासी विसंभरापुर पोस्ट मधुबनी, मुजफ्फरपुर, बिहार
- मोहम्मद आदिल खान निवासी मोहल्ला मिल्लट नगर थाना फुलवारी शरीफ, पटना, बिहार
- आशीष कुमार निवासी बल्थी नरङ्क्षसह, थाना साहेबगंज, जिला मुजफ्फरपुर, बिहार
- अकबर निवासी फैयाज नगर थाना सैद नागली, जिला अमरोहा, यूपी
- अमृत कुमार निवासी इनायतपुर परबोधि थाना सराय वैशाली बिहार
- चंदन कुमार उर्फ सुजीत निवासी ग्राम मिर्जापुर, जिला मुजफ्फरपुर बिहार
- विशाल कुमार निवासी पानापुर दिलावरपुर थाना विदुपुर वैशाली
dehradun@inext.co.in