देहरादून (ब्यूरो)। जोशीमठ में भूधंसाव के बाद एक तरफ जहां पूरे शहर को विस्थापित करने के लिए भूमि और संसाधनों की कमी महसूस की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ जैसी परिस्थितियों वाली कई अन्य नगरों और गांवों में भी इस तरह के हालात पैदा होने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे समय में राज्य सरकार की ओर से महायोजना शुरू करने की बात करना राज्य सरकार का एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। हालांकि यह भी आशंका जताई जा रही है कि यह महायोजना स्मार्ट सिटी की तरह न हो जाए।

चमोली के कई नगर शामिल
ट्यूजडे को विधानसभा स्थित ऑफिस में हुई बैठक में कैबिनेट मंत्री को बताया गया कि नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग द्वारा चमोली जिले के लिए महायोजना बनाने का काम कार्यदाई संस्था आरईपीएल को दिया गया है। इसमें चमोली, गोपेश्वर, कर्णप्रयाग, जोशीमठ, नंदप्रयाग, पीपलकोटी, पोखरी और थराली को शामिल किया गया है। अग्रवाल ने जोशीमठ के घटनाक्रम को देखते हुए निर्देश दिए कि वहां मौजूद विशेषज्ञ व प्रशासनिक अधिकारियों से कोऑर्डिनेशन करते हुए महायोजना कम समय में तैयार की जाए।

विशेषज्ञों को करें शामिल
मंत्री अग्रवाल ने कहा कि इस महायोजना के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों को शामिल किया जाए। उन्होंने अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन को तत्काल कार्यदायी संस्था से काम शुरू करवाने के लिए कहा। साथ ही जोशीमठ जाकर सभी योजनाओं को लागू करवाने के निर्देश दिये।

63 जगह मास्टर प्लान
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में 63 जगहों पर मास्टर प्लान बनाया जाना है। इनमें 43 पहाड़ी और 20 मैदानी क्षेत्र शामिल हैं। हर जिले का मास्टर प्लान अलग-अलग कंपनी तैयार करेगी। उन्होंने चमोली में मास्टर प्लान तैयार करने वाली कंपनी आरईपीएल को शीघ्र मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिए।

ये अधिकारी थे मौजूद
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, अपर आयुक्त आवास पीसी दुमका, चीफ टाउन प्लानर एसएम श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव आवास राजेंद्र सिंह पतियाल मौजूद थे।