महिला काउंसिलिंग सेल में पहुंची शिकायतें
वर्ष 2021 (अक्टूबर तक)
-कुल शिकायतें---1796
-समझौते--165
-थाने भेेजे गए--115
-कोई पैरवी नहीं--88
-खुद बंद किए--879
-पेंडिंग---549

वर्ष 2021
-कुल शिकायतें---1770
-समझौते---284
-थाने भेजे गए--264
-पैरवी नहीं--225
-खुद बंद किए।

कुछ खुद कर रहे हैं सुलह
पति-पत्नी के बीच आपसी रिश्तों में खटास आ जाने के बाद बेशक कुछ पल के लिए मामले पुलिस महिला सेल तक पहुंच जाते हों। लेकिन, करीब 40 परसेंट मामले ऐसे भी हैं, जो खुद ही बंद हो जाते हैं। मतलब, शिकायत दर्ज होने के बाद इन शिकायतों को लेकर महिला काउंसिलिंग सेल में काउंसिलिंग के लिए शिकायतकर्ता नहीं पहुंचते। इस बारे में सेल के अधिकारियों का तर्क है कि हो सकता है कि ऐसे शिकायतकर्ता घर पर ही आपसी रजामंदी के बीच सहमत हो जाते होंगे। हालांकि, इस बार तो अभी दो माह शेष हैं, शिकायतें बढऩे के साथ 549 शिकायतों पर सुनवाई होनी भी अभी बाकी है।

सीनियर सिटीजंस भी परेशान
सीनियर सिटीजंस सेल में दर्ज आंकड़ों के अनुसार एक वर्ष करीब 200 से अधिक मामले सीनियर सिटीजंस से संबंधित पहुंच रहे हैं। जहां, बुजुर्ग दंपति अपने बहू, बच्चों व आस-पास पड़ोस से परेशान होकर शिकायत कर रहे हैं। इस संख्या में भी इजाफा देखा जा रहा हैं। सेल के कार्मिकों के अनुसार बुजुर्ग लोग शिकायत लेकर पहुंचते हैं तो उनके बच्चों को भी बुलाकर काउंसिलिंग कराई जाती है।

छोटा पड़ रहा काउंसिलिंग सेल
एसएसपी कैंपस में स्थित महिला काउंसिलिंग व सीनियर सिटीजंस सेल में सुनवाई के लिए छोटा पड़ रहा है। वेडनसडे को ही ले लीजिए, यहां काउंसिलिंग के लिए बैठने तक की जगह नहीं मिल पाई। मजबूर होकर सेल के कार्मिकों ने शिकायतकर्ताओं को बाहर बैठक वेट करने का आग्रह किया। दरअसल, सच्चाई ये है कि शिकायतकर्ताओं की सेल में इस कदर भीड़ जुट रही है कि जहां काउंसिलिंग के लिए कमरे तक छोटे पड़ रहे हैं।