देहरादून, (ब्यूरो): बात जब राजनीति की आती है तो दून के सबसे बड़े डीएवी पीजी कॉलेज का नाम सामने आता है। यहां से कई बड़े राजनीतिज्ञों का रिश्ता रहा है। चाहे मॉरीशस के पूर्व पीएम सर शिवसागर रामगुलाम हों या फिर नेपाल के पूर्व पीएम लोकेंद्र बहादुर चंद, ऐसी कई हस्तियों ने डीएवी कॉलेज से हायर एजुकेशन ली है। इन नामचीन हस्तियों के बारे में स्टूडेंट्स को अवेयर करने के लिए कॉलेज की ओर से एक एलुम्नाई एसोसिएशन बनाई जा रही है, ताकि वे इन हस्तियों से प्रेरित हों।

ब्रिटिश काल में हुई थी स्थापना
डीएवी पीजी कॉलेज की स्थापना ब्रिटिश काल में हुई थी। अगर कॉलेज के एतिहास पर नजर डालें तो दो देशों के प्रधानमंत्री, मंत्री, सेना के अफसर और हिमालय की चोटी फतह करने वाली बछेंद्री पाल का नाम इसी कॉलेज से जुड है। आज भी इस कॉलेज में उत्तराखंड के अलावा कई बाहरी राज्यों के युवा पढ़ाई करने आते हैं।

कई नामचीन हस्तियों का नाता
डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून में कई नामचीन हस्तियों ने शिक्षा हासिल की है। देश की बात करें तो उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम हेमवती नंदन बहुगुणा, भारत सरकार के पूर्व मंत्री महावीर त्यागी, ब्रह्मदत्त, पूर्व भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल बीसी जोशी, एवरेस्ट पर कदम रखने वाली पहली महिला पर्वतारोही बछेंद्री पाल, वैज्ञानिक डॉ। फारुख शेख जैसे अनगिनत लोगों ने इसी संस्थान से शिक्षा हासिल की है।

ठाकुर पूरन सिंह ने दी थी जमीन दान
डीएवी पीजी कॉलेज का पूरा नाम दयानंद एंग्लो वैदिक पीजी कॉलेज है। महात्मा हंसराज के निर्देशन में सबसे पहले डीएवी कॉलेज ट्रस्ट एवं प्रबंध समिति की स्थापना 1 जून, 1886 को पाकिस्तान के लाहौर में हुई। साल 1904 में देहरादून के ठाकुर पूरन सिंह नेगी ने इस कॉलेज के लिए जमीन दान की। जिसके बाद संस्थान को मेरठ से देहरादून स्थानांतरित कर दिया। साल 1922 में इसे इंटरमीडिएट कॉलेज के रूप में शुरू किया गया और साल 1946 में यह डिग्री कॉलेज के रूप में संचालित होने लगा। जबकि, साल 1948 में डीएवी कॉलेज के रूप में स्थापित हो गया।

आज भी है डीएवी का क्रेज
भले ही आज के समय कई प्रोफेशनल कोर्स की बाढ़ आ गई हो। प्रदेश में कई कॉलेज खुल गए हैं, लेकिन डीएवी कॉलेज का क्रेज आज भी खत्म नहीं हुआ है। प्रदेश के अन्य जिलों समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से आज भी स्टूडेंट यहां पर एडमिशन लेने के पहुंच रहे हैं। वर्तमान में डीएवी कॉलेज देहरादून में छात्रों की संख्या 13,500 है। जो विभिन्न पाठ्यक्रमों में शिक्षा ले रहे हैं।

तमाम क्षेत्रों की दी जाती है शिक्षा
डीएवी कॉलेज में विज्ञान कला, तकनीकी और विधिक तमाम क्षेत्रों की शिक्षा-दीक्षा दी जाती है। यहां बीएससी, एमएससी, रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, प्राणी विज्ञान, बीएड, एलएलबी, समाजशास्त्र और इतिहास समेत कई कोर्सेज की पढ़ाई कराई जाती है। सेल्फ फाइनेंस के अंतर्गत मास्टर ऑफ मास कम्युनिकेशन डिग्री व डिप्लोमा, बीएससी आईटी जैसे प्रोफशनल कोर्स भी किए जा सकते हैं।

इनका रहा डीएवी से नाता
-पूर्व सीएम हेमवती नंदन बहुगुणा
- पूर्व मंत्री महावीर त्यागी ब्रह्मदत्त
-महिला पर्वतारोही बछेंद्री पाल
-वैज्ञानिक डॉ। फारुख शेख
-पूर्व सीएम नित्यानंद स्वामी
- पूर्व विधायक हरबंश कपूर
- सपा नेता विनोद बड़त्थ्वाल
-कांग्रेस नेता दिनेश अग्रवाल
- आंदोलनकारी विवेकानंद खंडूडी
-कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना
- कांग्रेस नेता हीरा सिंह बिष्ट
-सेनाध्यक्ष जनरल बीसी जोशी
-आईपीएस अफसर चमनलाल
-एनसीईआरटी के डायरेक्टर दिनेश सकलानी

कई आईएएस व आईएफएस भी पासआउट
राजनीति से ही नहीं बल्कि उच्च स्थान पर बैठे अधिकारियों का भी डीएवी से खासा रिश्ता रहा है। यहां से आईपीएस, आईएफएस व आईएएस अधिकारी पास आउट हुए हैं।

बहुमुखी प्रतिभा के लोग यहां से निकले हैं। जिसे देखते हुए डीएवी कॉलेज इनकी एलुम्नाई एसोसिएशन बना रहा है। जिससे आने वाले स्टूडेंट को इनके बारे में जानकारी मिल सके। वे कॉलेज के बारे में अवेयर हो सकें। :-
डॉ। देवेन्द्र भसीन, पूर्व प्रिंसिपल

डीएवी कॉलेज से कई बड़ी हस्तियां पास आउट हुई हैं। जिसे देखते हुए कॉलेज की ओर से एलुम्नाई एसोसिएशन बनाकर रजिस्टर्ड कर ली गई है। इसके बाद यहां से जुड़े सभी एलुुम्नाई इसमें शामिल किया जा सके और उनकी सलाह ली जा सके।
डॉ एसके सिंह, प्रिंसिपल, डीएवी कॉलेज

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