देहरादून (ब्यूरो)। हिमाचल की तर्ज पर सशक्त भू-कानून और 10 परसेंट क्षैतिज आरक्षण का जीआर जारी करने की मांग को लेकर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के बैनर तले राज्य आंदोलनकारियों ने विधानसभा कूच किया। पुलिस ने रोकने की कोशिश की और गिरफ्तार कर शहीद रवींद्र रावत (पोलू स्मारक) पर छोड़ा। प्रदर्शन में मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा कि पृथक राज्य आंदोलन का मकसद जल, जंगल, जमीन और रोजगार व संस्कृति के साथ पलायन बचाना था। मांग की कि हिमाचल की तर्ज पर सशक्त भू कानून लागू किया जाए।

ठेकेदार महासंघ ने प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
सिंचाईं, पीडब्ल्यूडी व कार्यदायी संस्थाओं में रजिस्टर्ड ठेकेदारों ने रोजगार की मांग को लेकर जोगीवाला से नेहरू कालोनी होते हुए विधानसभा कूच किया। पुलिस ने उन्हें नेहरू कालोनी स्थित फव्वारा चौक पर रोका। इस दौरान ठेकेदारों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय पोखरियाल ने कहा कि राज्य में कार्यदायी संस्थाएं बड़ी निविदाएं निकालकर सी व डी श्रेणी के पंजीकृत ठेकेदारों को कार्य से वंचित कर रही हैं।

नर्सिंग भर्ती परीक्षा करवाने की उठाई मांग
वर्ष 2020-21 में उत्तराखंड नर्सिंग भर्ती को नर्सिंग नियमावली 2019-20 के अनुसार लिखित परीक्षा के आधार पर करवाने की मांग के लिए फव्वारा चौक पर एकत्रित अभ्यर्थियों ने विधानसभा कूच किया। प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर एकता विहार स्थित धरनास्थल छोड़ा। प्रदर्शनकारियोंका कहना था कि बीते वर्ष नर्सिंग अधिकारी के 2621 पद के लिए आवेदन मांगे गए थे, जिसमें तकरीबन 1200 अभ्यर्थियों ने परीक्षा शुल्क 800 रुपये जमा कर आवेदन किया था। जो नर्सिंग भर्ती संशोधित नियमावली 2019-20 के लिखित परीक्षा के आधार पूरा कराया जाना निर्धारित किया था। भर्ती परीक्षा की लिखित परीक्षा के लिए तीन बार प्रवेश पत्र भी जारी किए गए। लेकिन हर बार अपरिहार्य के कारण सरकार ने लिखित परीक्षा स्थगित कर दी।

पीआरडी जवानों का भी विस कूच
प्रशिक्षित पीआरडी जवानों को वर्षभर रोजगार देने, राज्य कर्मचारी का दर्जा दिलाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर एकता विहार से विधानसभा कूच कर रहे पीआरडी जवानों को पुलिस ने रिस्पना पुल से पहले बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इस दौरान पीआरडी जवानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर एकता विहार स्थित धरना स्थल पर छोड़ा।