पौड़ी,

पौड़ी जिले के पाबौ ब्लॉक में दहशत फैलाने वाला नरभक्षी गुलदार शिकारियों की गोली का शिकार हो गया। 2 अक्टूबर को गुलदार ने मां के साथ घास लेकर लौट रही 10 वर्षीय बच्ची को घात लगाकर मार डाला था, इसके बाद उसे मैनईटर घोषित कर हंटिंग परमिट जारी किया गया था। मारे गए गुलदार की उम्र 6 से 7 वर्ष के बीच बताई जा रही है।

10 वर्षीय मासूम को मार डाला था

पौड़ी के पाबौ ब्लॉक में 2 अक्टूबर को 10 वर्षीय बच्ची को निवाला बना लिया था। इसके बाद से ही स्थानीय लोग गुलदार को मारने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। गढ़वाल फॉरेस्ट डिविजन के डीएफओ लक्ष्मण सिंह रावत ने बताया कि गुलदार को मैनईटर घोषित कर मारने के लिए हंटिंग परमिट जारी किया गया था। गुलदार को मारने के लिए शिकारी अजहर खान व विपिन ख्याली को तैनात किया गया था। दोनों शिकारी घटना स्थल के पास मचान बनाकर गुलदार की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे। संडे शाम को करीब 6 बजे गुलदार घटना स्थल के पास नजर आया। इसके बाद 7 बजे गुलदार फिर दिखा तो शिकारी अजहर खान ने गोली चला दी। गोली लगने से घायल गुलदार जंगल में भाग गया। रातभर शिकारी घायल गुलदार की सर्च में जुटे रहे, मंडे सुबह वह फिर नजर आया तो शिकारियों ने गोली चला दी। गुलदार वहीं ढेर हो गया। डीएफओ ने बताया कि इलाके में और गुलदारों की मौजूदगी के निशान मिले हैं, इसके लिए इलाके में पिंजरे लगाए जाएंगे।

वीरता पुरस्कार के लिए भेजा जाएगा गुलदार से भिड़ी राखी का नाम

पौड़ी के बीरोंखाल ब्लॉक देवकुंडाई गांव में 4 साल के भाई की जान बचाने के लिए गुलदार से भिड़ी 11 वर्षीय राखी का नाम जिला प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए भेजा जाएगा। राखी पांचवी क्लास की स्टूडेंट है। सैटरडे को वह छोटे भाई राघव को कंधे पर बिठा खेत से घर लौट रही थी। रास्ते में घात लगाकर बैठे गुलदार ने राघव पर हमला कर दिया था। भाई की जान बचाने के लिए वह गुलदार से भिड़ गई। गुलदार ने राघव को तो छोड़ दिया लेकिन राखी पर हमला कर दिया। इतनी देर में राखी की मां शालिनी भी खेत से लौटते हुए वहां पहुंची। उसने शोर मचाया और गुलदार पर पत्थरों से वार कर उसे भगा दिया। राखी हमले में गंभीर रूप से घायल हो गई थी, उसे पोखड़ा स्थित पीएचसी में फ‌र्स्ट एड के बाद कोटद्वार के सरकारी हॉस्पिटल भेजा गया, जहां से उसे दिल्ली रेफर कर दिया गया। उसका सफदरजंग हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है।