देहरादून ब्यूरो।
दून में दर्जनों इलेक्ट्रिक पोल रोड के किनारे नाली में लगाये गये हैं। आम तौर पर हुआ ये कि बिजली के पोल पहले लगे हुए थे। रोड के साइड में जब नाली बनाने का काम शुरू हुआ तो नगर निगम ने पोल को घेरकर नाली बना दी। यानी दोनों तरफ नाली और बीच में पोल। इससे एक तरफ जहां पोल लगातार पानी के संपर्क में रहने से गल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बरसात के दिनों में ऐसी जगहों पर कचरा जमा हो जाने से नालियां भी चोक हो जाती हैं और पानी सड़कों पर बहने लगता है।

हर क्षेत्र में मिल जाएंग नाली में पोल
सिटी में ऐसे एक-दो पोल नहीं हैं, जो नालियों के अंदर हों, बल्कि लगभग हर क्षेत्र में ऐसे में पोल मिल जाएंगे जो नालियों के अंदर हैं। इनमें सीमेंट वाले पोल भी हैं और लोहे वाले भी। सीमेंट वाले पोल सडऩे या गलने की संभावना नहीं होती, लेकिन नालियों के भीतर वाले बिजली पोल लगातार सड़ रहे हैं और खतरा बन रहे हैं।

शिकायत पर ध्यान नहीं
अलग-अलग क्षेत्रों से स्थानीय लोग लगातार पावर कारपोरेशन को फोन कर अपने आसपास बिजली पोल गल जाने की शिकायत करते रहते हैं। इन शिकायतों पर आमतौर पर ध्यान नहीं दिया जाता, लेकिन बार-बार शिकायत आने पर वेल्डिंग कर दी जाती है।

करंट की संभावना
लोगों को कहना है कि बरसात के दिनों में कई बार पोल से करंट लीक होता है। ऐसे में नाली वाले पोल से करंट का ज्यादा खतरा रहता है। ऐसे में जहां भी नालियों में बिजली के पोल हैं, उन्हें तुरंत हटा दिया जाना चाहिए।

क्या कहते हैं लोग
हमने शहर में कई जगह ऐसे पोल देखे हैं। देहरादून में आंधी के दौरान इस तरह के पोल गिरने की घटनाएं भी हो चुकी हैं। इसलिए जरूरी है कि ऐसे पोलों की पहचान कर उन्हें तुरंत हटा दिया जाए।
- अंबिका जुयाल

आम लोगों के लिए बिजली के सड़े गले पोल बेहद खतरनाक हैं। यह समझ नहीं आता कि सिटी की इस एक बड़ी समस्या पर ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा है, जबकि शहर को स्मार्ट बनाने का दावा किया जार रहा है।
- मनोज कुंवर

दून में सैकड़ों की संख्या में ऐसे बिजली के पोल दिख जाते हैं, जो नीचे की तरफ से सड़ चुके हैं। ऐसे पोल तुरंत बदल देने चाहिए। ऐसा न करना आम लोगों की जान जोखिम में डालना जैसा है।
- दीप्ति बिंजोला