देहरादून ब्यूरो। ट्रांसपोर्ट नगर के करीब 600 ट्रांसपोर्ट व्यापारी और 100 से ज्यादा स्क्रैप के कारोबारी है। हर ट्रांसपोर्ट व्यवसायी के पास दो-तीन कर्मचारी भी होते हैं। इसके अलावा दर्जनों की संख्या में ढाबे, रेहड़ी, ठेली और चाय-पानी की दुकानें भी ट्रांसपोर्ट नगर में हैं। रोज सैकड़ों की संख्या में ट्रकों का आना-जाना भी यहां से होता है। हर ट्रक में ड्राइवर और क्लीनर होते हैं। ट्रक लोड-अनलोड करने वाले मजदूरों की भी यहां अच्छी-खासी संख्या है। इन सबके लिए यहां सिर्फ एक टॉयलेट है। ट्रांसपोर्ट नगर बसाये जाने के दौरान एमडीडीए ने यह टॉयलेट बनाया था, जिसकी स्थिति अब लगातार खराब हो रही है।

गंदगी सड़कों पर
इस टॉयलेट के लिए जो सेफ्टी टैंक बनाया गया है, उसकी कैपेसिटी इस्तेमाल करने वालों की तुलना में काफी ज्यादा है। नतीजा यह होता है कि अक्सर सेफ्टी टैंक ओवरफ्लो होने लगता है और सेफ्टी टैंक की गंदगी नाली में बहने लगती है। इससे चारों तरफ बदबू फैल जाती है। पूरे एरिया के लिए एक ही टॉयलेट होने के कारण यहां लोगों को ट्रकों की आड़ में टॉयलेट करते देखा जा सकता है। इससे गंदगी और बदबू आसपास फैली रहती है।

नालियों तक की व्यवस्था नहीं
ट्रांसपोर्ट नगर में नालियों की भी व्यवस्था नहीं है। बरसात में पानी की निकासी न होने के कारण व्यापारियों के बेसमेंट में पानी भर जाता है। हाल के दिनों में यहां कुछ जगहों पर नालियां बनाने का काम शुरू हुआ है। लेकिन व्यापारियों का कहना है कि जहां पहले से नालियां बनी हुई थी, उन्हें तोड़कर फिर से बनाया जा रहा है। जिन जगहों पर पहले से नालियां न होने के बरसात में परेशानी होती है, वहां नालियां नहीं बनाई जा रही हैं।

ट्रांसपोर्ट नगर : एक नजर
300 दुकानें
70 गोदाम
50 ट्रांसपोर्टर
700 ट्रक रोज आते हैं
1,17,979 स्क्वायर मीटर एरिया

क्या कहते हैं लोग
हमारे पास उन सभी शिकायतों की कॉपी हैं, जो हमने अधिकारियों से की हैं। इनमें एमडीडीए के अधिकारियों से लेकर डीएम और मंत्रियों तक को भेजी गई शिकायतें हैं। कोई कार्रवाई नहीं हुई।

- राहुल सिंह रावत
सरकार का बस चले तो ट्रांसपोर्ट नगर को ही यहां से हटा दे। दरअसल इस जमीन पर अब सरकार की नजर है। पार्किंग का कुछ हिस्सा ले लिया गया है। वहां फ्लैट बना दिये गये हैं।
- तौसीफ

टॉयलेट एक है, इस्तेमाल करने वाले हजारों लोग हैं। सुबह शाम लंबी लाइन लगी रहती है। सेफ्टी टैंक छोटा पड़ रहा है। गंदगी नालियों में बहती है। एमडीडीए की दफ्तर सामने है, पर कोई सुनवाई नहीं।
भैरव सिंह रावत

सब कुछ चौपट है। बारिश में नरक बन जाता है, ट्रांसपोर्ट नगर। चारों तरफ गंदगी के ढेर हैं। नालियों का नामोनिशान नहीं है। शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
आरिफ