देहरादून,(ब्यूरो): दून वासियों के लिए खुशखबरी है कि बहुउद्देशीय सौंग डैम प्रोजेक्ट के लिए प्रस्तावित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) अब खलंगा में नहीं बनेगा। स्थानीय लोगों व सामाजिक संगठनों के विरोध और पर्यावरणीय नुकसान को देखते हुए सरकार इस प्रोजेक्ट को यहां से शिफ्ट करने का लगभग मन बना लिया है। अब प्रोजेक्ट को द्वारा गांव के नीचे कनारकाटा में बनाए जाने की कवायद शुरू कर दी गई है। कनारकाटा की टोपोग्राफी सर्वे भी हो चुकी है। पेयजल सूत्रों के अनुसार कनारकाटा में पेड़ हैं लेकिन डैंस फॉरेस्ट नहीं है। इस्पेक्शन रिपोर्ट के बाद फॉरेस्ट से अप्रूवल मांगी जा रही है। इस संबंध में शासन को भी अवगत करा लिया गया है। शासन की सहमति भी मिल गई है। कनारकाटा में भी खलंगा की तरह रिवर लेवल 900 आरएल मिला है।

खलंगा में स्वीकृत था डब्ल्यूटीपी
राजधानी दून की पेयजल व्यवस्था लगातार विकराल होती जा रही है। इस बार भीषण गर्मी से दर्जनों ट्यूबवेल सूख गए हैं। दून में 80 परसेंट जलापूर्ति ट्यूबवेल से है। जो भविष्य में वाटर लेवल घटने पर दिक्कतें पैदा कर सकती है। इसके लिए सरकार ने सौंग डैम बनाकर वहां से भविष्य में ग्रेविटी के डब्ल्यूटीपी के जरिए दून शहर को पानी की आपूर्ति कराने की योजना बनाई है। इसके लिए दून के ऐतिहासिक स्थल खलंगा में डब्ल्यूटीपी का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया।

हजारों पेड़ों की जानी थी बलि
खलंगा में देवदारों का घना जंगल है। वाटर प्रोजेक्ट से 3000 हजार के करीब पेड़ कटने का अनुमान है। पेड़ काटने का कई दिनों से विरोध चल रहा है, जिसके बाद सरकार ने खलंगा में प्रस्तावित प्रोजेक्ट को वापस लेने पर विचार कर रही है। खलंगा में 2019 से सर्वे आदि का काम चल रहा था। 5 साल बाद खलंगा में प्रस्तावित प्रोजेक्ट वापस लेकर अब नई जगह पर फिर से नए सिरे से काम शुरू किया जा रहा है।

विधायक ने भी जताया था विरोध
क्षेत्रीय विधायक उमेश शर्मा काऊ ने भी प्रोजेक्ट को पर्यावरण के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि खलंगा में सैकड़ों पेड़ों को काटकर वाटर प्रोजेक्ट को बनाना उचित नहीं है। उन्होंने सरकार से इस प्रोजेक्ट को दूसरी जगह शिफ्ट करने की पैरवी की थी।

सोशल मीडिया पर छाया रहा मुद्दा
केंद्रीय भंडारण शाखा, प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन यूनिट (अमृत) की ओर से प्रस्तावित सौंग बांध पेयजल परियोजना के लिए 150 मिलियन लीटर डेली पानी के ट्रीटमेंट के लिए लगभग 5 हेक्टेयर जमीन पर डब्ल्यूटीपी व डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम का निर्माण किया जाना है। इसके लिए बीते फरवरी में 422.32 करोड़ भी स्वीकृत कर दिए गए हैं। कुल 130.60 मीटर ऊंचे बांध और 14.70 किमी लंबे जल संवाहक प्रणाली के लिए टेंडर भी निकाले जा चुके हैं। पेड़ों के कटाने की खबर के बाद सोशल मीडिया पर भी मुद्दा छाया रहा।

प्रोजेक्ट पर एक नजर
130.60
मीटर ऊंचा डैम बनना है सौंग नदी में
3000
पेड़ों के काटे जाने का है अनुमान
150
एमएलडी का प्रस्तावित है डब्ल्यूटीपी
05
हेक्टेयर वन भूमि पर बन रहा था प्रोजेक्ट
422.32
करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए वाटर प्रोजेक्ट के लिए
14.70
किमी लंबे जल संवाहक प्रणाली के लिए टेंडर हो चुके जारी

खलंगा में प्रस्तावित डब्ल्यूटीपी के पर्यावरणीय पहलू को देखते हुए दूसरी जगहों पर जमीन की तलाश की जा रही है। टोपोग्राफी सर्वे में कनारकाटा उपयुक्त पाया गया है। यहां पर भी आरएल 900 पाया गया है। इस संबंध में शासन को भी अवगत कराया गया है।
दीपक नौटियाल, केंद्रीय भंडार शाखा, पेयजल निगम, देहराूदन

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