- पिछले 5 वषरें के मुकाबले सबसे कम प्रवासी परिंदें पहुंचे आसन
- मौसम को बताया जा रहा है परिंदों की कम संख्या का कारण
देहरादून,
आसन वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व में इस वर्ष माइग्रेशन के लिए आने वाले विदेशी परिंदों की संख्या काफी कम रही है। ये संख्या पिछले वर्ष से करीब डेढ़ हजार तक कम है। 25 जनवरी को स्पेशलिस्ट्स की मौजूदगी में आसन वेटलैंड में परिंदों की काउंटिंग प्रोसेस पूरी हुई। बताया गया है कि इस वर्ष 50 स्पेसीज के 4466 परिंदों ने आसन झील में माइग्रेशन के लिए दस्तक दी है। जबकि पिछले वर्ष की बर्ड काउंटिंग के हिसाब से आसन झील में 79 स्पेसीज के 6170 परिंदे माइग्रेशन के लिए पहुंचे थे। इतना ही नहीं पिछले पांच वर्षो का रिकॉर्ड देखें तो इस वर्ष सबसे कम परिंदे आसन में माइग्रेशन के लिए पहुंचे हैं।
मार्च के अंत तक माइग्रेशन
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बर्ड्स की काउंटिंग बीती 25 जनवरी को सुबह पौने 10 बजे से दोपहर सवा 12 बजे तक की गई। आरओ जवाहर सिंह तोमर के नेतृत्व में शुरू हुई काउंटिंग के दौरान इस वर्ष बर्ड्स की संख्या केवल 4466 रिकॉर्ड हुई। जबकि गत वर्ष ये संख्या 6170 रही। बर्ड स्पेसीज की संख्या भी कम रही। बताया गया कि मार्च तक ही आसन वेटलैंड में परिंदे माइग्रेशन के लिए रुकेंगे। बर्ड काउंटिंग के दौरान वन बीट अधिकारी प्रदीप सक्सेना, तितली ट्रस्ट के संजय सोंधी आदि मौजूद रहे।
पिछले पांच वर्षो की तुलना में भी कम परिंदे
न केवल पिछले वर्ष बल्कि पिछले पांच वर्षो की तुलना में भी आसन वेटलैंड में प्रवासी परिंदों की संख्या इस वर्ष सबसे कम आंकी गई है। 2015 से लेकर 2019 तक परिंदों की संख्या इस वर्ष की अपेक्षा ज्यादा रही। हालांकि, 2015 व 2016 की अपेक्षा इस वर्ष ज्यादा बर्ड स्पेसीज ने आसन वेटलैंड के लिए माइग्रेशन किया। वहीं, 2017 से 2019 तक परिंदों की संख्या के साथ-साथ स्पेसीज की संख्या भी ज्यादा रही।
बादलों का दोष
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार मौसम परिंदों के प्रवास के आड़े आया, इसलिए ज्यादा परिंदे प्रवास के लिए नहीं आ पाए। बताया कि विंटर्स में आसमान लगातार बादलों से घिरा रहा। इस कारण प्रवासी परिंदे आसने वेटलैंड में नहीं उतरे।
वर्षवार बर्ड्स की संख्या
वर्ष--बर्ड्स--स्पेसीज
2015-- 5796-- 38
2016--5635-- 39
2017-- 4589-- 60
2018--6008-- 61
2019-- 6170-- 79
2020--4466-- 50