देहरादून (ब्यूरो): उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हंै कि पूर्व में चिन्हित कॉम्प्लेक्सों में पार्किंग व्यवस्था का निरीक्षण किया जाए। जहां पार्किंग की व्यवस्था नहीं हो पाई है, उन्हें सील किया जाए। कहा कि कॉम्प्लेक्सों में पार्किंग के बिना लोग वाहनों को सड़क पर पार्क करने को मजबूर हैं, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था बाधित हो रही है।
पुलिस-प्रशासन को सौंपी जाएगी लिस्ट
एमडीडीए वीसी बंशीधर तिवारी ने अधिकारियों की बैठक लेते हुए पार्किंग सुविधाओं की जानकारी ली। कहा कि जिला प्रशासन और यातायात पुलिस को शहर में उन तमाम प्रतिष्ठानों की सूची उपलब्ध कराई जाए, जहां पर प्राधिकरण ने वाहन पार्किंग सुनिश्चित की है। कहा कि प्राधिकरण की ओर से समय-समय पर कॉमर्शियल भवनों में पार्किंग की चेकिंग को अभियान चलाया गया है। जिन संचालकों ने अपने यहां पार्किंग की व्यवस्था नहीं की उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
मुख्य मार्गों पर हर हाल में पार्किंग
एमडीडीए वीसी ने इंजीनियर्स को निर्देश दिए कि वह अपने-अपने सेक्टरों में कॉमर्शियल भवनों का निरीक्षण कर कार्रवाई करें। मुख्य रूप से शहर के प्रमुख मार्गों पर स्थित प्रतिष्ठानों में पार्र्किंग हर हाल में सुनिश्चित की जाए। त्योहारी सीजन निकल चुका है। ऐसे में पार्किंग हर हाल में बेसमेंट में बनाई जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि इस मामले में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में वीसी बंशीधर तिवारी, सचिव मोहन सिंह बर्निया के अलावा संयुक्त सचिव रजा अब्बास, अधीक्षण अभियंता एचएस राणा और अधिशासी अभियंता सुनील कुमार आदि मौजूद रहे।
पार्किंग होते हुए भी नहीं करते यूज
धर्मपुर में सब्जी मंडी के पास हुरला इलेक्ट्रिकल्स के शोरूम में पार्किंग है, लेकिन इस पार्किंग का गेट कभी नहीं खुलता। लोगों का कहना है कि इस पार्किंग में केवल शोरूम मालिक की एक गाड़ी ही खड़ी रहती है। यहां आने वाले कस्टमर सड़क पर ही वाहन खड़ा करते हैं, जिस कारण यहां पर हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। हुरला ही नहीं यहां से कुछ ही दूरी पर उत्तरांचल प्लाजा का भी यही हाल है। इस प्लाजा में करीब 150 दुकानें हैं, लेकिन पार्किंग की जगह नहीं है। केवल लोन ही इक्का-दुक्का वाहन खड़े होते हैं, बाकी वाहन रोड पर ही खड़े होकर जाम लगाते हैं।
जैन प्लाजा में बन गई दुकानें
प्रिंस चौक स्थित जैन प्लाजा में बेसमेंट पार्किंग में दुकानें बना ली गई। इस प्लाजा में 60-70 दुकानें हैं और 20-25 आफिस हैं। थोड़ा पार्किंग लोन है जहां लोग वाहन खड़ा कर सकते हैं वहां पर वाहनों की सर्विस का काम किया जाता है। ऐसे में पब्लिक वाहन खड़ा करे तो कहां करे। यही हाल चकराता रोड पर आरजीएम प्लाजा का भी है। यहां पार्किंग में अंधेरे के साथ एग्जिट गेट बंद रहता है। एक ही गेट होने पर दोपहिया वाहन अंदर नहीं जाते। इस काम्पलेक्स में 150 से अधिक दुकानें हैं। बेसमेंट में पार्किंग आधी जगह पर पानी की टंकी और अन्य सामान रखा हुआ है।
आंकड़ों पर एक नजर
12 लाख के करीब है शहर की आबादी
10 लाख से अधिक है वाहनों की संख्या
400 से अधिक भवनों और कॉम्प्लेक्सों में पार्किंग की समस्या
200 से अधिक कॉम्प्लेक्स संचालकों को जारी किए गए हैं नोटिस
50 से 80 हजार नए वाहन उतर रहे हर साल दून की सड़कों पर
पार्किंग दिनों-दिन शहर की बड़ी समस्या बनती जा रही है। इस संबंध में अधिकारियों को कमर्शियल भवनों का निरीक्षण कर पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, जो संचालक पार्किंग व्यवस्था नहीं करेगा, उन्हें सील करने की कार्रवाई की जाएगी।
बंशीधर तिवारी, वाइस चेयरमैन, एमडीडीए