देहरादून, (ब्यूरो): दून में पुलिस ने वेरिफिकेशन के नाम पर लगातार अपना अभियान जारी रखा हुआ है। लेकिन, इससे सबसे ज्यादा मकान मालिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मकान मालिकों की मानें तो पुलिस की ओर से सत्यापन को लेकर कोई भी स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। जिससे वे अपने किराएदारों का उसी फॉर्मेट के तहत सत्यापन करा सकें। बताया ये भी गया है कि अब तक जो मकान मालिक अपने किराएदारों का सत्यापन कर रहे हैं, उसके लिए वे केवल पुलिस एप की मदद ले रहे हैं। जबकि, पुलिस उसको मानने को तैयार नहीं है। पुलिस का ये कहना है कि एप के साथ ही किराएदारों का नजदीकी पुलिस थानों में फिजिकल वेरिफिकेशन भी कराना जरूरी है। लेकिन, बदले में शहर के मकान मालिकों का कहना है कि दून पुलिस को इस बारे में पहले जानकारी देनी चाहिए। उसके बाद सत्यापन के नाम पर कार्रवाई करनी चाहिए।
21 जून से जारी सत्यापन
पुलिस संदिग्धों व बाहर से आकर दून में रहने वाले लोगों को लेकर सत्यापन अभियान चला रही है। इसकी शुरुआत 21 जून से की गई थी, उसके बाद 25 जून तक कार्रवाई जारी रही। कुछ दिन कार्रवाई थमने के बाद एक बार फिर से 2 जुलाई से पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू की। बताया जा रहा है कि ये कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। लेकिन, पुलिस के इस सत्यापन अभियान को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं। मसलन, पुलिस सत्यापन तो करवा रही है। लेकिन, ऑनलाइन पुलिस एप को नहीं मान रही है। जबकि, अधिकतर मकान मालिक बेफिक्र होकर अपने किराएदारों का सत्यापन कर रहे हैं। इसके लिए कॉमन सर्विस सेंटरों पर 100 रुपए देकर पुलिस एप के जरिए सत्यापन किया जा रहा है। यहां तक कि सीएससी पर पुलिस सत्यापन तक का बोर्ड लगाया गया है।
ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों प्रॉसेस जरूरी
पुलिस का कहना है कि इस ऑनलाइन सत्यापन के साथ ही किराएदारों का सत्यापन संबंधित थाने में फिजिकल भी होगा। इसकी जिम्मेदारी केवल मकान मालिकों की होगी। मतलब साफ है कि ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन भी सत्यापन कराना जरूरी होगा। स्टूडेंट्स के लिए भी पुलिस की ओर से कहा गया है कि वे अपने होम स्टेट के संबंधित थाने से भी सत्यापन कराकर संबंधित पुलिस थाने में जमा कर सकते हैं, जिससे उनको सहूलियत होगाी।
अब तक चालानी कार्रवाई
-कुल 1473 मकान मालिकों के चालान।
-कुल 796 संदिग्धों से थाने व चौकी में हुई पूछताछ।
-कुल मकान मालिकों पर 1.21 करोड़ का जुर्माना।
मकान मालिकों के सवाल
-क्या पुलिस उत्तराखंड पुलिस एप के जरिए होने वाले सत्यापन को नहीं मान रही है।
-कोई मकान मालिक दूसरे शहर में रहता है, उसने अपने किराएदार का ऑनलाइन सत्यापन किया है, क्या वह स्वीकार्य नहीं होगा।
-कोई स्टूडेंट्स दून में किराए पर रहता है और वह अपना आईडी कार्ड दिखाता है, वह स्वीकार्य नहीं है।
-अगर स्टूडेंट्स का आई कार्ड स्वीकार्य नहीं है तो क्या, उनको अपने होम स्टेट के थानों से सत्यापन कराना होगा।
ब्रोकर के चक्कर में नुकसान
शहर में कुछ ऐसे मकान मालिक भी हैं, जिनका मकान दून में है। लेकिन, वे दूसरे शहर में रहते हैं और उनके मकान पर किराएदार भी रहते हैं। ये किराएदार ब्रोकर के जरिए रखे गए हैं। जब सत्यापन की बारी आ रही है। ब्रोकर ऑनलाइन सत्यापन कर रहे हैं, लेकिन, इस सत्यापन को पुलिस नहीं मान रही है। इसका खामियाजा भी ऐसे मकान मालिक को भुगतना पड़ रहा है।
हत्याकांड के बाद आई पुलिस को याद
इस वर्ष हाल में ही हुए डोभाल चौक गोलीकांड के बाद पुलिस सत्यापन अभियान पर ताबड़तोड़ चालान करने पर जुटी। जबकि, उससे पहले पांच महीने पहले तक पुलिस ने इस बारे में कोई सत्यापन अभियान नहीं चलाया।
किराएदारों का सत्यापन करना मकान मालिकों की खुद की जिम्मेदारी है। उन्हें ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन सत्यापन संबंधित थानों से कराना जरूरी है। कहीं पर कोई दिक्कत आ रही हो तो वे नजदीकी थानों में जाकर मदद ले सकते हैं।
-प्रमोद कुमार, एसपी सिटी, देहरादून.
dehradun@inext.co.in