देहरादून (ब्यूरो) सप्लाई से आगे किमाड़ी इलाका वर्तमान में वन विभाग के लिए सबसे ज्यादा संवेदनशील बना हुआ है। विभाग को यहां घने जंगल होने के कारण फायर सीजन में आग लगने का डर सता रहा है। यही कारण है कि इस इलाके में विभाग ने तीन टीमों को मुस्तैद किया है। ये टीमें सुबह से लेकर रात 2 बजे तक मुस्तैद हैं। दरअसल, सुनसान घने जंगल होने के कारण यहां युवा, कपल जमकर पहुंच रहे हैं। किमाड़ी से आगे हिडन वाटर फॉल भी है। जहां घूमने के लिए यूथ पहुंच रहा है। जंगलों के बीच छाई खामोशी में कपल यहां जाना पसंद कर रहे हैं। लेकिन, विभाग चिंंतित इस बात से है कि कुछ लोग सिगरेट पीने के कारण जंगल में आग लगा सकते हैं। जिससे दूसरे जंगल भी चपेट में आ सकते हैं।
कइयों को थाने तक लाए
विभाग के अनुसार इसके लिए तीन टीमें सुबह, दोपहर और रात में चेकिंग पर जुटी हुई हैं। यहां पहुंचने वाले युवाओं व कपल की संख्या का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रतिबंधित एरिया होने के बावजूद विभाग ने करीब एक दर्जन कपल व युवाओं को पुलिस थाने तक पहुंंचाया। जिसके बार माफीनामा लिखने के उपरांत उन्हें छोड़ दिया है। विभाग का कहना है कि किमाड़ी के जंगल में हर रोज सैकड़ों की संख्या में युवा पहुंच रहे हैं। जिनको मनाही किया जा रहा है तो वे जानकारी न होने के बहाना बना दे रहे हैं।
मंदिर में घुसा काकड़, जंगल में छोड़ा
कैनाल रोड पर एक काकड़ मंदिर में घुस गया। जिसको फॉरेस्ट हेडक्वार्टर की रेस्क्यू टीम ने रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया। बताया जा रहा है कि जंगल की ओर से काकड़ शहर की ओर आ गया। जहां उसके पीछे स्ट्रीट डॉग पड़ गए। जिससे बचने के लिए काकड़ अचानक कैनाल रोड मंदिर में घुस गया। जहां स्थानीय निवासी बचन सिंह रावत ने वन विभाग को सूचना दी। मौके पर पहुंची टीम ने काकड़ को रेस्क्यू करने के साथ जंगल में छोड़ दिया।
dehradun@inext.co.in