देहरादून (ब्यूरो) पर्यटन मंत्री कहा कि वह राज्य में चिन्हित पौराणिक मंदिरों को विकसित करने के लिए मानसखंड मंदिर माला की तर्ज पर केदारखंड मंदिर माला मिशन भी बनाए। जिससे यात्रियों को को बेहतर सुविधाओं के अलावा इन प्राचीन व पौराणिक मंदिरों के दर्शनों का लाभ भी मिल सकें। पर्यटन मंत्री ने कहा कि महासू देवता मंदिर के विकास के लिए मास्टर प्लान के तहत 2 चरणों में 61 करोड व 50 करोड़ के काम प्रस्तावित किए गए हैं। जबकि, महासू देवता के इलुमिनेशन व फसाड लाइटिंग के तहत 94.36 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गयी है। कहा, टिहरी झील के आसपास के विकास के लिए एडीबी ने 601.204 करोड की फंडिंग को मंजूरी दे दी है। इसके तहत कोटी कॉलोनी से डोबरा चांटी ब्रिज तक 15.7 किमी लंबी पर्यटन सड़क, साइकिलिंग ट्रैक, व्यू पॉइंट, समर्पित हॉकर क्षेत्र व कोटी कॉलोनी से तिवार गांव तक 450 मीटर लंबा ग्लास बॉटम पैदल यात्री सस्पेंशन ब्रिज बनेगा।

टिम्मरसैंण के लिए 7.95 करोड़ मंजूर
चमोली स्थित टिम्मरसैण महादेव मन्दिर के विकास के लिए शासन ने 7.95 करोड़ का अनुमोदन दिया है। गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के सुनियोजित विकास के लिए ड्राफ्ट मास्टर प्लान तैयार किया जा चुका है। कैरावन पार्क बनाने के भी निर्देश दिये गये हैं। रुद्रप्रयाग स्थित कार्तिक स्वामी मन्दिर पैदल मार्ग पर विभिन्न सुविधायें विकसित करने के लिए डीटीओ से प्रस्ताव मांगा गया है।

दून-मसूरी रोपवे का काम जारी
दून से मसूरी तक के लिए 285.00 करोड़ की लागत से 5.5 किमी लंबी रोप-वे परियोजना का निर्माण कार्य जारी है। जानकी चट्टी से यमुनोत्री तक के लिए 166.81 करोड़ की लागत से 3.85 किमी रोप-वे के लिए प्राइवेट इन्वेस्टर्स की नियुक्ति, अब सर्वे का काम जारी। पूर्णागिरी रोप वे के लिए 35.00 करोड़ की लागत से 903 मीटर रोप-वे परियोजना का निर्माण कार्य जारी है। जबकि, राफ्टिंग को प्रमोट करने के लिए गंगा नदी के अलावा अन्य नदियों में राफ्टिंग ऑपरेटरों के शुल्क माफी की घोषणा की गयी है। जबकि, पैराग्लाईडिंग ट्रेनिंग को बढ़ावा देने के लिए टिहरी में पैराग्लाईडिंग ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाये जा रहे हैं। राज्य के युवाओं को फ्री ट्रेनिंग दी जा रही है।

dehradun@inext.co.in