- सुबह से लेकर शाम तक हरिद्वार हाईवे पर रहता है जाम
- मोहकमपुर रेलवे क्रॉसिंग जाम की याद दिलाता रहता है जोगीवाला

देहरादून (ब्यूरो): बाहर से आने वाले यात्रियों के भी जोगीवाला में पसीने छूटते हैं। पीक आवर में यहां पर वाहन रेंगकर चलते हैं। आजकल सर्दी में भी इस प्वाइंट पर टेंपरेचर गर्मी का अहसास कराता है। खुद अफसर भी मानते हैं कि यहां पर जाम का अंत होना चाहिए, लेकिन आज तक यह बात फाइलों से बाहर नहीं निकल पाई। कई बार योजनाएं बनी, लेकिन योजनाएं इम्प्लीमेंट नहीं हुआ। कभी फ्लाईओवर की बात हुई, तो कभी रिंग रोड बनाने की बात हुई। लेकिन धरातल पर आज तक कुछ नहीं हुआ। सड़क चौड़ी न होने से व्यापारी भी परेशान हैं।

200 मीटर का है बॉटलनेक
जोगीवाला चौक पर बॉटलनेक महज 200 मीटर से भी कम है। अधिकारियों का कहना है कि इस परिधि में कुछ दु़कानें इलीगल हैं। कुछ दुकानें एक्वायर कर कर ली गई है। यहां पर 10 मीटर भी सड़क चौड़ी नहीं है। जबकि इसके आगे-पीछे 30 से 40 मीटर चौड़ी सड़क है। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों का कहना है कि जल्द अतिक्रमण हटाया जाएगा।

फ्लाईओवर की योजना फेल
सबसे पहले जोगीवाला बॉटलनेक को खोलने के लिए नेशनल हाईवे पीडब्ल्यूडी खंड डोईवाला ने फ्लाईओवर बनाने की योजना बनाई, लेकिन ये योजना परवान नहीं चढ़ी। बताया गया कि योजना से ऊंची पहुंचे वाले एक नेता का अस्पताल प्रभावित हो रहा था, जिसके बाद योजना कागजों से आगे नहीं बढ़ सकी।

रिंग रोड का सपना भी अधूरा
फ्लाईओवर की योजना फेल होने के बाद जोगीवाला में रिंग रोड बनाने की कार्रवाई तेज हुई। रिंग रोड के प्रोजेक्ट भी कई वर्षों से अधर में लटका है।

उचित मुआवजा दें, छोड़ देंगे दुकानें
व्यापारी नेता महेश प्रधान का कहना है कि हर बार अधिकारी मीटिंग करके चले जाते हैं, लेकिन मुआवजा आज तक एक भी दुकानदार को नहीं दिया गया। बगैर मुआवजे के वह दुकानें कैंसे छोड़ेगे। कहा कि सड़क संकरी होने से व्यापारी भी चौपट हो रहा है। चौड़ीकरण से 60 से अधिक दुकानें आ रही हैं। नेशनल हाईवे के मानकों के हिसाब से मुआवजा न मिलने तक दुकानें नहीं छोड़ेंगे।

50 करोड़ मुआवजे का अनुमान
जोगीवाला में जमीन अधिग्रहण के लिए करीब 60 से अधिक दुकानें आ रही हैं। इन दुकानों को मुआवजे के लिए सरकार को करीब 50 करोड़ रुपये चाहिए। व्यापारियों का यह भी कहना है कि सरकार विकास के लिए उन्हें उजाड़ रही है, तो उन्हें अन्यत्र बसा भी ले, ताकि वह रोजी-रोटी कमा सके।

चौकी खुद जाम की वजह
जोगीवाला चौकी खुद निर्बाध ट्रैफिक में रोड़ा अटका रही है। यहां पर पहले ही रोड कम चौड़ी है। ऊपर से पूरी चौकी सड़क पर है। लोगों का कहना है कि यहां से चौकी हटे तो आधा जाम तो उसी दिन खत्म हो जाएगा। इस पर तुर्रा यह है कि कई बार पुलिस यहां पर बैरिकेडिंग करती है, जिससे जाम और विकराल बन जाता है।

हम डेवलपमेंट के खिलाफ नहीं है। अधिकारियों को सड़क चौड़ीकरण की याद आती है, तो मीटिंग के लिए आ जाते हैं। इसके बाद झांकते तक नहीं है। उचित मुआवजा दें, तो कल ही दुकानें छोड़ देंगे।
महेश प्रधान, अध्यक्ष व्यापार मंडल जोगीवाला

लगातार जाम से व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। कोई दुकान के बाहर खड़ा करता है पुलिस चालान कर देती है। सरकार वास्तव में सड़क चौड़ी करना चाहती है, तो उन्हें अन्यत्र बसाया जाए।
संतेश कुमार, स्थानीय व्यापारी

जोगीवाला में जाम से रिस्पना तक सड़क पैक रहती है। बच्चों के स्कूल के समय पूरी सड़क खचाखच भरी रहती है। कई बार जाम की वजह से एक्सीडेंट भी हो जाते हैं।
कुसुम शर्मा, स्थानीय निवासी

सरकार पिछले 20 साल से जोगीवाला बॉटलनेक को खोलने की बात कर रही है, लेकिन आज तक एक दुकान को नहीं हटा सकी। शीघ्र सड़क चौड़ी कर शहर की परेशानी दूर की जाए।
सुभाष चमोली, स्थानीय निवासी

जोगीवाला जाम को जल्द से जल्द जाम से मुक्त किया जाएगा। इसके लिए पीडब्ल्यूडी अस्थाई खंड ऋषिकेश और एनएच खंड डोईवाला को ज्वाइंट इंस्पेक्शन के निर्देश दिए गए हैं। इंस्पेक्शन रिपोर्ट के आधार पर सड़क चौड़ीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
सोनिका, डीएम, देहरादून
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