- पेयजल कनेक्शन लेना हुआ आसान
- रजिस्टर्ड प्लंबर की बाध्यता की गई समाप्त
देहरादून, ब्यूरो: पहले पब्लिक को रजिस्टर्ड कॉन्ट्रेक्टर के चक्कर लगाने पड़ते थे। कई बार प्लंबर आसानी से उपलब्ध नहीं होते। प्लंबर मिल भी गया तो वह इसका मनमाना पैसा वसूलते हैं, जिसका भार उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ता है। इस बाध्यता को खत्म करने से क्षेत्र के लोग काफी खुश हैं। रजिस्टर्ड प्लंबर की बाध्यता सिर्फ वल्र्ड बैंक की स्कीम मेहूंवाला पेयजल कलस्टर योजना के लिए की गई है। बाकी इलाकों में यह व्यवस्था लागू नहीं होगी। इस योजना से करीब सवा लाख की आबादी जुड़ी हुई है।
1 रुपये का कनेक्शन, प्लंबर वसूल रहे 2000 तक
जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में एससी-एसटी और बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं को 1 रुपये में पेयजल कनेक्शन जारी किए जा रहे हैं, जबकि 100 स्क्वायर मीटर के एरिया से कम जगह पर बने घरों को 100 रूपये में कनेक्शन दिए जा रहे हैं, लेकिन रजिस्टर्ड प्लंबर की बाध्यता के चलते 1 और 100 रुपये के कनेक्शन के लिए प्लंबर 2000 रुपये तक वसूल रहे हैं।
फिर रजिस्टर्ड कान्ट्रेक्टर क्यों?
क्षेत्र के सबसे सक्रिय सोशल एक्टिविस्ट वी। वीरू बिष्ट का कहना है कि पेयजल निगम द्वारा निर्मित की जा रही 1.24 अरब रुपये की मेंहूवाला पेयजल कलस्टर योजना का 5 साल तक ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस के साथ ही राजस्व वसूली कार्यदायी कंपनी कल्पतरू कंस्ट्रक्शन के द्वारा किया जाना है। ऐसे में जब कंपनी खुद रजिस्टर्ड है तो कनेक्शन के लिए रजिस्टर्ड ठेकेदार की जरूरत क्या है। वैसे भी ग्रामीण क्षेत्रों में रजिस्टर्ड ठेकेदार ढूंढने से भी नहीं मिलते हैं। पेयजल निगम के अधिकारियों ने इसे सही माना और इस बाध्यता को समाप्त कर दिया। उन्होंने इसके लिए निगम अधिकारियों का आभार जताया।
पेयजल कनेक्शन के लिए रजिस्टर्ड ठेकेदार की बाध्यता समाप्त करके पेयजल निगम ने बड़ा कदम उठाया है। इससे क्षेत्र की करीब सवा लाख की आबादी को फायदा होगा।
वी। वीरू बिष्ट, सदस्य, संयुक्त शिकायत निवारण समिति, मेंहूवाला कलस्टर पेयजल योजना
रजिस्टर्ड ठेकेदार से मुहर लगाने के लिए पब्लिक को दर-दर भटकना पड़ता था, लेकिन यह व्यवस्था समाप्त करके विभाग ने आम आदमी को बड़ी राहत दी है।
सुरेंद्र सिंह नेगी, सोशल एक्टिविस्ट, अंबीवाला
सरकार एक ओर गरीबों को 1 रुपये में कनेक्शन दे रही है वहीं दूसरी ओर रजिस्टर्ड ठेकेदार की बाध्यता के चलते पब्लिक को 2000 रूपये तक मुहर लगाने के देने पड़ रहे थे। अब इसका लाभ सीधे उपभोक्ताओं को होगा।
विजेद्र कुमार, गोरखपुर आरकेडिया
कनेक्शन के लिए रजिस्टर्ड ठेकेदार की अनिवार्यता की चक्कर में लोग परेशान हो रहे थे, लेकिन अब निगम के इस फैसले के बाद पब्लिक की सारी परेशानियां दूर हो गई है।
मोहन सिंह रावत, बनियावाला
पब्लिक की मांग पर नए कनेक्शन के लिए आवेदन फार्म में क्षेत्र के रजिस्टर्ड ठेकेदार की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। अब उपभोक्ता सीधे आवेदन फार्म को निगम में जमा करा सकेंगे। बिना किसी देरी के कनेक्शन रिलीज किए जा रहे हैं।
मुजम्मिल हसन, अधिशासी अभियंता, वल्र्ड बैंक यूनिट, पेयजल निगम, देहरादून