- रैमकी कंपनी से वापस लिया आईएसबीटी का संचालन
- एमडीडीए ने किया टेकओवर, व्यवस्था सुधरने की उम्मीद
देहरादून, 28 जुलाई (ब्यूरो)।
20 साल तक बदहाली के लिए बदनाम रहे आईएसबीटी की तस्वीर अब संवरने की उम्मीद जगी है। दरअसल, हैदराबाद की एक प्राइवेट कंपनी के जिम्मे आईएसबीटी का संचालन था, कंपनी से 20 साल का करार खत्म होते ही मसूरी देहरादून डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमडीडीए) ने संचालन अपने हाथ में ले लिया है। चर्चा है कि आईएसबीटी का संचालन अब उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन करेगा। कंपनी के पजेशन में 20 साल से आईएसबीटी में अव्यवस्थाओं की चर्चा रही। परिवहन मंत्री ने भी बदहाली पर नाराजगी जताई थी। हालांकि, रातों-रात स्थिति में बदलाव तो नहीं आएगा, लेकिन कंपनी से संचालन की जिम्मेदारी वापस लेने के बाद उम्मीद है कि अब व्यवस्थाएं सुधरेंगी।
करार खत्म, खुद संभाला संचालन
26 जुलाई 2003 में एमडीडीए की ओर से आईएसबीटी का निर्माण करने व इसके संचालन की जिम्मेदारी हैदराबाद की कंपनी रैमकी को सौंपी गई थी। 26 जुलाई को कंपनी के साथ एमडीडीए का 20 साल का करार अब खत्म हो चुका है। 20 साल के इस अंतराल में कंपनी शर्तों के मुताबिक व्यवस्थाओं को मेंटेन नहीं रख पाई। आईएसबीटी की दुर्दशा देख पूर्व परिवहन मंत्री ने भी नाराजगी जताई थी।
थर्सडे को ऐसा माहौल रहा आईएसबीटी में
एएम
10:15 -एमडीडीए की 10-12 लोगों की टीम पहुंची आईएसबीटी।
पीएम
12:10 -एमडीडीए के सचिव व संयुक्त सचिव पहुंचे आईएसबीटी।
12.30 - आईएसबीटी में मौजूद रैमकी कंपनी से कार्यभार छोडऩे को कहा।
12:45 - रैमकी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने कंपनी के जीएम को फोन कर सूचना दी।
12:50 - रैमकी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने सौंपा एमडीडीए का कार्यभार।
1:20 - एमडीडीए के अधिकारियों ने एक-एक कर ली कंपनी से पूरी जिम्मेदारी।
1:40 से 2:50 - एमडीडीए के सचिव व अधिकारियों ने किया आईएसबीटी का निरीक्षण।
4:50- आईएसबीटी से सबंधित सभी जानकारी लेकर एमडीडीए की टीम लौटी।
असमंजस में रहे दुकानदार
सुबह अचानक आईएसबीटी में एमडीडीए की टीम के पहुंचने पर दिनभर दुकानदारों में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा कि अब दुकानदारों का क्या होगा। उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा या फिर उन्हें यहां पर बने रहने दिया जाएगा। इस बीच एमडीडीए के अफसरों ने उनकी शंका का समाधान किया कि दुकानों को नहीं हटाया जाएगा। बल्कि, दुकानों की तस्वीर बदली जाएगी ताकि पैसेंजर्स को बेहतर सुविधाएं दी जा सकें।
ये बदलाव आने की उम्मीद
-आईएसबीटी में सफाई व्यवस्था बेहतर होगी।
-आईएसबीटी में बेहतर सीटिंग अरेंजमेंट होगा।
- महिलाओं के लिए स्मार्ट टॉयलेट्स बनेंगे।
- लगाए जाएंगे वाटर एटीएम।
- पैसेंजर्स को मिलेगी लॉकर फैसिलिटी।
- वेटिंग रूम्स का होगा मॉडर्नाइजेशन।
- ड्राइवर-कडंक्टर के लिए बनेंगे बेहतर रूम।
- पार्किंग की व्यवस्था में होगा सुधार।
- बसों का संचालन बढ़ाए जाने की उम्मीद।
फिलहाल आईएसबीटी एमडीडीए ने वापस ले लिया है। लेकिन, इसके बाद एमडीडीए रोडवेज को आईएसबीटी के संचालन का मौका देता है तो हमारी ओर से बेहतर संचालन किया जाएगा।
- दीपक जैन, जीएम संचालन, यूटीसी
एमडीडीए की टीम ने आईएसबीटी पहुंचकर रैमकी कंपनी से कार्यभार वापस ले लिया है। अब आईएसबीटी की जिम्मेदारी ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन संभालेगा। पैसेंजर्स को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।
मोहन सिंह बर्निया, सचिव, एमडीडीए
रोडवेज कर रहा प्रयास
आईएसबीटी की जिम्मेदारी एमडीडीए की ओर से वापस लिए जाने के बाद ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन में भी दिन भर चर्चाएं रहीं। यूटीसी ने आईएसबीटी की जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद से 8 सदस्यों की टीम तैयार की है। जिनमें मंडलीय प्रबधक देहरादून संजय गुप्ता, सहायक महाप्रबंधक केपी सिंह, सहायक महाप्रबंधक आईएसबीटी पूजा केहरा, सहायक महाप्रबंधक पर्वतीय प्रतीक जैन, कार्यालय सहायक रमेश प्रसाद, कार्यालय सहायक ग्रामीण आलेख, वरिष्ठ लिपिक हरेन्द्र कुमार, वरिष्ठ लिपिक के पी सिंह को जिम्मेदारी सौंपी है।
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