पांच माह बाद भी नहीं सुधरी आईएसबीटी की व्यवस्था
परिवहन मंत्री ने की छापेमारी तो जाना हाल, पैसेंजर ने की शिकायत
देहरादून (ब्यूरो):
सीएम के आईएसबीटी का निरीक्षण करने के बाद भी व्यवस्था नहीं सुधर पाई। आज भी पैसेंजर्स की शिकायत तस की तस बनी हुई हैं। यहां न तो सफाई है, इन्क्वायरी में भी व्यवस्था दुरुस्त नहीं मिली। इसके अलावा यहां कोई बेंच भी नहीं बढ़ पाए हैं। पैसेंजर के लिए वेंटिंग रूम न होने के कारण उन्हें प्लेटफार्म में ही खड़े रहकर अपने रूट की बस का इंतजार करना पड़ता हैं। इस पर अब चारधाम यात्रा की तैयारी में व्यवस्था कैसे दुरुस्त होगी। जिसेे देखते हुए परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने आईएसबीटी की व्यवस्था का निरीक्षण किया तो स्थिति जस की तस मिली।
फैक्ट फाइल
-आईएसबीटी से रोजाना 600 से 650 बसों का संचालन।
-दून से अन्य जनपदों व प्रदेशों के लिए होता है बसों का संचालन।
-साधारण, एसी, वॉल्वो बसों से सफर करते हैं पैसेंजर्स।
-दून से चलती हैं रोजाना 24 वॉल्वो और 23 एसी बसें।
-कई रूट की बसों के लिए पैसेंजर को करना पड़ता हैं इंतजार।
-वेटिंग रूम की सुविधा न होने के कारण बनी रहती है परेशानी।
-डीएम से लेकर सीएम तक कर चुके मौके का निरीक्षण।
-5 महीने पहले सीएम ने खुद दिए थे व्यवस्था सुधारने के निर्देश।
रोडवेज कर्मचारी से की बात
परिवहन मंत्री चंदनराम दास ने आईएसबीटी में रोडवेज कर्मचारी से चारधाम यात्रा की तैयारी को लेकर बात की तो उन्होंने मुख्यालय से आदेश न मिलने का हवाला दिया। जिस पर परिवहन मंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सभी की जिम्मेदारी है कि वे अपने-अपने स्तर से काम करें न कि आदेश का इंतजार करें।
जस की तस मिली व्यवस्था
पांच माह पूर्व 13 अक्टूबर 2022 को सीएम ने छापेमारी के दौरान आईएसबीटी में सफाई व्यवस्था दुरुस्त न होने की परेशानी मिली थी। इसके अलावा इन्क्वायरी में किसी स्टाफ के न मिलने की शिकायत मिली। आईएसबीटी के एंट्री गेट पर ही डग्गामार बसें खड़ी मिलीं। पार्किंग मेंं भी अधूरा निर्माण मिला। परिवहन मंत्री के निरीक्षण के दौरान आज भी ये व्यवस्था जस की तस मिली।
वर्जन-:
चारधाम यात्रा शुरू होने को हैं, जिसकी तैयारी के लिए सबसे पहले अन्य राज्यों से आने वाले पैसेंजर के लिए व्यवस्था दुरुस्त मिले। इसके लिए सबसे पहले आईएसबीटी की व्यवस्था की जांच की गई। यहां पैसेंजर ने कई समस्याएं बताईं, जिन्हे सुधारा जाएगा।
चंदनराम दास, परिवहन मंत्री उत्तराख्ंड